Thursday, January 23, 2025
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Agra News:प्रसव केंद्र बनकर रह गया सौ शैया मातृ एवं शिशु अस्पताल – Mainpuri News 100 Bed Hospital

by amitsagar
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मैनपुरी। सात साल पहले जिले में स्थापित किए गए सौ शैया मातृ एवं शिशु अस्पताल में सात साल बाद भी महिलाओं और बच्चों को उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में आधुनिक बेड, उपकरण और विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती भी है लेकिन चार मंजिला सौ शैया अस्पताल केवल प्रसव केंद्र ही बनकर रह गया है।

जिले में वर्ष 2016 में 1610 लाख की लागत से सौ शैया मातृ एवं शिशु अस्पताल की स्थापना कराई गई थी। उस समय बताया गया था कि यहां 10 साल से कम उम्र के बच्चों और किसी भी उम्र की महिलाओं को भर्ती कर उपचार दिया जाएगा। लेकिन सात साल बाद भी जिले के लोगों की यह उम्मीद पूरी नहीं हो सकी। एक तरफ जहां सीएमएस डॉक्टरों और स्टाफ की कमी की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बच्चे और महिलाएं उपचार के लिए परेशान हो रहे हैं। डॉक्टरों की बात करें तो यहां वर्तमान में 18 पदों के सापेक्ष नौ चिकित्सकों की तैनाती है। लेकिन इसके बाद भी महिला मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। केवल यहां प्रसव तो कराया जाता है अन्य बीमारियों से आने वाले बच्चों और महिला मरीजों को ओपीडी से ही उपचार देकर विदा कर दिया जाता है। इसके चलते महिला मरीजों को मेडिकल कॉलेजों सैफई और आगरा में उपचार लेना पड़ रहा है।

ओपीडी में उपचार के साथ ही कर ली जाती है व्यवस्थाओं की इतिश्री

सौ शैया अस्पताल की ओपीडी की बात करें तो यहां प्रतिदिन 500 से 600 महिलाएं उपचार के लिए पहुंचती हैं। इनमें कई महिलाएं ऐसी होती है जिन्हें भर्ती करने की जरूरत होती है। स्त्रीरोग विश्ेाषज्ञ इन्हें ओपीडी में ही उपचार देकर विदा करते हुए बाहर भर्ती होने की सलाह देती हैं। जबकि अस्पताल में बेड की व्यवस्था के बाद भी मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है।

28 दिन से अधिक उम्र के बच्चे भी कर दिए जाते हैं रेफर

सबसे अधिक परेशानी तो बाल मरीजों को होती है। सौ शैया मातृ एवं शिशु अस्पताल में मात्र 28 दिन के बच्चे को ही उपचार भर्ती कर दिया जाता है। अन्य मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। जिला अस्पताल में भी भर्ती बाल मरीजों के उपचार के लिए डॉक्टर की व्यवस्था नहीं है यहां से भी बाल मरीज रेफर किए जा रहे हैं।

वर्जन

18 पदों के सापेक्ष मात्र नौ डॉक्टरों की तैनाती है। इनमें भी स्थाई रूप से चार ही डॉक्टर तैनात है। इसके चलते ओपीडी संचालन करना ही मुश्किल हो रहा है। भर्ती कर मरीजों को उपचार देना संभव नहीं दिख रहा है।

डॉ. एके पचौरी, सीएमएस, सौ शैया मातृ एवं शिशु अस्पताल

हाईलाइट्र्स

2016 में सौ शैया मातृ एवं शिशु अस्पताल की हुई थी स्थापना

1610 लाख की लागत से सौ शैया अस्पताल का हुआ निर्माण

100 बेड मरीजों को भर्ती करने के लिए उपलब्ध हैं सौ शैया अस्पताल में

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