Thursday, January 23, 2025
Home Agra खाकी वर्दी, चेहरे पर रौब और दिल में ममता:नवजात के लिए फरिश्ता बनी आगरा पुलिस, देखभाल में जुटे पुलिसकर्मी – Agra Police Became An Angel For The Newborn Policemen Engaged In Care

खाकी वर्दी, चेहरे पर रौब और दिल में ममता:नवजात के लिए फरिश्ता बनी आगरा पुलिस, देखभाल में जुटे पुलिसकर्मी – Agra Police Became An Angel For The Newborn Policemen Engaged In Care

by amitsagar
0 comment

[ad_1]

पुलिस आयुक्त कार्यालय, आगरा

पुलिस आयुक्त कार्यालय, आगरा
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

आगरा में कूड़े के ढेर में मिली बिटिया की हालत में अब सुधार हो रहा है। उसे बेहतर इलाज के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। उसके अपने तो नहीं हैं, लेकिन पुलिस ही देखभाल में लगी है।

रविवार को नवजात बच्ची जीवन नगर, टेढ़ी बगिया रोड पर कूड़े के ढेर में पड़ी मिली थी। पुलिस ने पहुंचकर उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। बाल रोग विशेषज्ञ डा. विजय यादव ने बताया कि भर्ती के समय बच्ची का शरीर ठंडा पड़ा था। ऐसा सुबह से दोपहर तक सड़क पर पड़ा रहने की वजह से हुआ होगा। उसकी सांस और पल्स कम चल रही थी। बीपी भी कम था। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया। रक्त चढ़ाया गया। सोमवार को उसकी हालत में कुछ सुधार हुआ। एसएन मेडिकल काॅलेज रेफर किया गया है।

 

ये भी पढ़ें – Agra: घोड़ी पर बैठे दूल्हे को देख बदला दुल्हन का इरादा, बोली- ‘नहीं करूंगी इससे शादी, बुलाया गया दूसरा दूल्हा

 

पुलिस को नहीं मिल रहा सुराग

पुलिस ने जिस स्थान पर बच्ची मिली थी, उसके आसपास के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज चेक किए। कोई सुराग नहीं मिल सका। थाना ट्रांस यमुना के प्रभारी निरीक्षक आनंद प्रकाश का कहना है कि बच्ची को रविवार तड़के जन्म के कुछ देर बाद ही छोड़ा गया था। आसपास के अस्पतालों का रिकॉर्ड निकाला गया है। पता किया जा रहा है कि हाल ही में किसी अस्पताल में कोई बच्ची तो पैदा नहीं हुई थी।

पहले भी फेंके जाते रहे हैं नवजात

आगरा में यह कोई पहला मामला नहीं है, जबकि किसी नवजात को मरने के लिए सड़क पर फेंका गया है। अस्पतालों के पास अक्सर बच्चों को लोग छोड़कर चले जाते हैं। कई बार नवजात जानवरों के मुंह का निवाला बन जाते हैं तो कई बार राहगीरों की मदद से जान बच जाती है। सितंबर 2018 में लोहामंडी क्षेत्र में एक नवजात मिला था। ट्यूशन पढ़ने जा रहे एक छात्र ने उसे पॉलिथीन देखकर पुलिस को सूचना दी थी। नवंबर 2020 में ट्रांसयमुना काॅलोनी में ही एक नवजात स्कूल के गेट के आगे पाॅलिथीन में मिला था। नुनिहाई की महिला ने उसे उठाया था। अस्पताल ले जाकर नाल कटवाने के बाद घर ले गई थीं। इसके अलावा भी कई बार सड़क, झाडिय़ों में कभी पाॅलिथीन तो कभी कार्टून में नवजात मिल चुके हैं। चाइल्ड लाइन समन्वयक धीरज कुमार ने बताया कि दो साल में 11 नवजात मिल चुके हैं। जिन्हें जीडी एंट्री कराने के बाद मेडिकल कराया जाता है। इसके बाद बाल कल्याण समिति उन्हें आश्रय दिलाती है।

[ad_2]

Source link

You may also like

Leave a Comment

About Us

We're a media company. We promise to tell you what's new in the parts of modern life that matter. Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis, pulvinar dapibus leo. Sed consequat, leo eget bibendum sodales, augue velit.

Facebook Twitter Youtube Linkedin Instagram

Fear for many online retailers as shoppers hit by trio of rising living costs

Recent Articles

Fear for many online retailers as shoppers hit by trio of rising living costs Daily horoscope: Your star sign reading, astrology and zodiac forecast Theory: Tom Holland’s Peter Parker replaced by Miles Morales in next trilogy

Featured

Latest box office bomb ‘will lose $100 million’ amid ongoing pandemic England vs South Africa free live stream: Watch Autumn Nations Series online White House plan aims to protect science from politics with new approach @2022 - All Right Reserved. Designed and Developed by PenciDesign