Monday, January 6, 2025
Home Agra Yamuna Flood Threat In The Coastal Areas Of Mathura – यमुना में उफान: ताजेवाला से छोड़ा गया तीन लाख क्यूसेक पानी, मथुरा के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा

Yamuna Flood Threat In The Coastal Areas Of Mathura – यमुना में उफान: ताजेवाला से छोड़ा गया तीन लाख क्यूसेक पानी, मथुरा के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा

by amitsagar
0 comment

[ad_1]

यमुना में उफान

यमुना में उफान
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

ताजेवाला बांध से तीन दिन पूर्व छोड़े गए लगभग तीन लाख क्यूसेक पानी का असर यमुना में दिखने लगा है। बृहस्पतिवार को इसके मथुरा में भी चेतावनी स्तर पर भी पहुंचने की आशंका है। इसे लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने गोकुल बैराज के सभी गेट खोल दिए हैं।

पहाड़ों पर लगातार बारिश हो रही है जिसके बाद जलस्तर बढ़ने पर 26 सितंबर को ताजेवाला बांध से दो लाख 95 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह पानी बुधवार को ओखला पार कर गया। ओखला पर यह पानी एक लाख 16 हजार क्यूसेक रहा। बृहस्पतिवार तक इसके मथुरा आने की संभावना है।

166 मीटर पर है खतरे का निशान

मथुरा पर फिलहाल 42 हजार क्यूसेक पानी आ चुका है। इसके चलते प्रयाग घाट पर यमुना का जलस्तर बुधवार को 164.70 मीटर था, जो खतरे के निशान से मात्र डेढ़ मीटर नीचे है। प्रयाग घाट पर खतरे का निशान 166 मीटर पर है। चेतावनी स्तर 165.20 मीटर पर है।

सिंचाई विभाग के एई राकेश कुमार ने बताया कि बृहस्पतिवार तक ओखला से पानी के मथुरा पहुंचने की उम्मीद है। सिंचाई विभाग निर्माण खंड के सहायक अभियंता सूर्य प्रकाश पिप्पल ने बताया कि गोकुल बैराज के आसपास के क्षेत्रों में मुनादी करा दी है। पानी को आगरा तक निकालने के लिए गोकुल बैराज के सभी 22 गेट खोल दिए हैं।

खेतों में पहुंचा यमुना का पानी 

हथिनी कुंड बैराज से यमुना में छोड़े गए पानी का असर बुधवार सुबह दिखाई दिया। नौहझील के गांव मरहला मुक्खा निवासी किसान अरब सिंह ठाकुर व रोहताश चौधरी ने बताया कि उनकी धान की आधी कटी फसल खेत में ही पड़ी है। यह फसल पानी में डूब रही है। 

गांव बसाऊ निवासी किसान चंद्रपाल निषाद ने बताया कि यमुना में पानी बढ़ने से धान व बाजरे के साथ सब्जियों की फसल भी नष्ट हो गई है। किसान नेता चौ. रामबाबू कटैलिया, रालोद नेता योगेश नौहवार, जिलाध्यक्ष राजकुमार तोमर व भाकियू (टिकैत) के तहसील अध्यक्ष रोहताश चौधरी ने डीएम से बाढ़ प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की है।

इन गांवों में हुआ है नुकसान

मरहला मुक्खा, देदना, छिनपारई, दौलतपुर, बसाऊ, अड्डा मीणा, फिरोजपुर, भैरई, मुसमुना, नानकपुर, तिलकागढ़ी, रायपुर, खुशलागढ़ी, अनरदागढ़ी, मनीगढ़ी, नौहझील, बाघर्रा अड्डा, अड्डा मल्हान, पिथौरा आदि गांवों के किसानों की फसलें पानी में डूब गईं हैं।

विस्तार

ताजेवाला बांध से तीन दिन पूर्व छोड़े गए लगभग तीन लाख क्यूसेक पानी का असर यमुना में दिखने लगा है। बृहस्पतिवार को इसके मथुरा में भी चेतावनी स्तर पर भी पहुंचने की आशंका है। इसे लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने गोकुल बैराज के सभी गेट खोल दिए हैं।

पहाड़ों पर लगातार बारिश हो रही है जिसके बाद जलस्तर बढ़ने पर 26 सितंबर को ताजेवाला बांध से दो लाख 95 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह पानी बुधवार को ओखला पार कर गया। ओखला पर यह पानी एक लाख 16 हजार क्यूसेक रहा। बृहस्पतिवार तक इसके मथुरा आने की संभावना है।

166 मीटर पर है खतरे का निशान

मथुरा पर फिलहाल 42 हजार क्यूसेक पानी आ चुका है। इसके चलते प्रयाग घाट पर यमुना का जलस्तर बुधवार को 164.70 मीटर था, जो खतरे के निशान से मात्र डेढ़ मीटर नीचे है। प्रयाग घाट पर खतरे का निशान 166 मीटर पर है। चेतावनी स्तर 165.20 मीटर पर है।

[ad_2]

Source link

You may also like

Leave a Comment

About Us

We're a media company. We promise to tell you what's new in the parts of modern life that matter. Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis, pulvinar dapibus leo. Sed consequat, leo eget bibendum sodales, augue velit.

Facebook Twitter Youtube Linkedin Instagram

Fear for many online retailers as shoppers hit by trio of rising living costs

Recent Articles

Fear for many online retailers as shoppers hit by trio of rising living costs Daily horoscope: Your star sign reading, astrology and zodiac forecast Theory: Tom Holland’s Peter Parker replaced by Miles Morales in next trilogy

Featured

Latest box office bomb ‘will lose $100 million’ amid ongoing pandemic England vs South Africa free live stream: Watch Autumn Nations Series online White House plan aims to protect science from politics with new approach @2022 - All Right Reserved. Designed and Developed by PenciDesign