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मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर शुक्रवार रात हुए हादसे में मंगेतर व युवक की मौत के बाद दोनों के ही परिवारों में कोहराम मचा है। शादी की तैयारी को लेकर दोनों ही परिवार में खुशियों का माहौल था, जो मातम में बदल गया।
विशाल गुरुग्राम नागेरों में जर्मनी की कंपनी में सीनियर साइंटिस्ट थे, तो अलका भी आईटी कंपनी नोएडा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थीं। 6 जुलाई को दोनों की सगाई बड़े ही धूमधाम से हुई थी। 22 फरवरी 2023 को दोनों की दिल्ली में ही शादी होनी थी। दोनों परिवार शादी की तैयारियों में जुटे हुए थे। एसएन प्रसाद का बेटा विशाल इकलौता था। उससे बड़ी बहन निकिता है, जिसकी शादी हो चुकी है। प्रदीप कुमार की अलका बड़ी बेटी थी, जबकि उससे छोटी बेटी कोमल फिलहाल डीयू में अध्यनरत़ है। दोनों की मौत से परिवारों में खुशियां मातम में तब्दील हो गई हैं। दोनों ही परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। हर किसी का रो-रोकर बुरा हाल है।
पोस्टमार्टम गृह पर विशाल और अलका के पिता का भी रो-रोकर बुरा हाल था। दोनों के आंसू थम नहीं रहे थे। लगातार फोन भी आ रहे थे, पर वे लोग बात नहीं कर पा रहे थे। विशाल के पिता ने बताया कि शुक्रवार की रात को 2 बजे बलदेव पुलिस ने सूचना दी थी। उसके बाद वे और उनके समधी अपने परिजनों के संग यहां आ गए। पोस्टमार्टम के बाद दोनों शवों को परिजन दिल्ली के द्वारका ले गए। प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि फिलहाल तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। कार का चालक सीट की तरफ का टायर फट गया था। क्षतिग्रस्त कार को क्रेन से हटवाकर आवागमन सुचारु किया गया।
स्पीड और नींद की झपकी बनी हादसे का कारण
एक बार फिर यमुना एक्सप्रेसवे पर स्पीड और नींद की झपकी हादसे का कारण बनी। इस हादसे में युवक और युवती की जान चली गई। जबकि 100 किमी प्रति घंटा की स्पीड निर्धारित है। फिर भी कार को बेखौफ होकर वाहन चालक दौड़ाने में हिचकते नहीं। सबसे बड़ा कारण नींद भी इसमें सहायक बनती है। कार में चल रहा एसी कूलिंग करता है तो सुस्ती आ जाती है। ऐसा ही कुछ शुक्रवार को माइल स्टोन 135 पर हुआ।
भारी वाहन चालक नहीं करते नियमों का पालन
अक्सर देखा जाता है कि रात के वक्त ट्रक, बस, कैंटर समेत भारी वाहन के चालक नियमों का पालन नहीं करते हैं। कई बार तो ऐसी स्थिति देखने को मिलती है कि ओवरटेक, कार वाली और भारी वाहन वाली लेन में ट्रक या बड़े वाहन दौड़ते मिल जाएंगे। कुछ वाहनों के पीछे लाइट भी नहीं चलती है, ऐसे में अचालक पीछे से तेज रफ्तार कार को निकलने की जगह नहीं मिलती है और हादसे का शिकार हो जाते हैं। नोएडा से लेकर आगरा 185 किलोमीटर की दूरी पर कहीं भी वाहनों को चेकिंग भी नहीं होती है।
एक्सप्रेसवे-हाईवे पर हुए हादसे
– 11 जनवरी-थाना हाईवे के बाजना पुल के पास हरियाणा पुलिस का सिपाही और फुफेरे भाई की मौत।
-21 जनवरी-थाना महावन में बलदेव के गांव हथकौली के तीन युवकों की मौत।
-14 फरवरी-थाना जमुनापार के एक्सप्रेसवे पर माइल स्टोन-106 पर बेकाबू कैंटर पलटा, 27 घायल। मृतका को लेकर जा रहे थे सभी आगरा।
-15 फरवरी-एक्सप्रेसवे पर कोतवाली सुरीर के गांव तेहरा के पास एक किमी तक घिसटी कार, चालक की मौत।
-18 फरवरी-कोतवाली छाता के संजय कॉलेज के पास कार पीछे से ट्रक में घुसी ससुर-पुत्रवधू की मौत।
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