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– फोटो : amar ujala
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आपके बच्चे अगर हफ्ते में तीन से चार दिन मोमोज, चाऊमीन, बर्गर, तली-भुनी चीजें खाते हैं। शौच अनियमित है और शारीरिक व्यायाम नहीं करते तो सजग हो जाएं। यही हाल रहा तो उन्हें आगे चलकर बवासीर की दिक्कत हो सकती है। चिकित्सक बताते हैं कि 12 से 17 साल तक के पांच फीसदी में ये परेशानी मिलने लगी है। हालांकि समय रहते दवा और खानपान में सुधार से यह ठीक हो जाती है।
आगरा सर्जंस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि 10-15 साल पहले तक 12 से 18 साल तक के इक्का-दुक्का ही मरीज आते थे। अब इनकी संख्या करीब पांच फीसदी है। इनके मलद्वार में खुजली होने, मल त्याग करते वक्त दर्द होने और कभी-कभार रक्त आने की परेशानी मिल रही है। पूछताछ में पता चला है कि ये सप्ताह में तीन से चार दिन फास्टफूड और बाजार का तला भोजन खाते हैं। शारीरिक गतिविधियां कम दिखीं। कुछ का वजन भी बढ़ा मिला। पौष्टिक भोजन और खेलकूद अधिक करने से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
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