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पुरुषों में सर्वाधिक मुंह व गले का कैंसर पाया जा रहा है। इसके बाद फेफड़े का कैंसर, बड़ी आंत व खाने की थैली का कैंसर हो रहा है। वहीं, महिलाओं में सर्वाधिक ब्रेस्ट कैंसर और उसके बाद सर्वाइकल कैंसर, मुंह व गले का कैंसर, खाने की नली का कैंसर, पित्त की थैली का कैंसर पाया है।
डॉ. सुरभि गुप्ता बताया कि तंबाकू का किसी रूप में सेवन कैंसर कारक है, इससे बचना चाहिए। युवकों में धूम्रपान की वजह से तो युवतियों में तंबाकू चबाकर खाने की वजह से मुंह व गले का कैंसर अधिक हो रहा है।
ये हैं लक्षण
जिला अस्पताल के क्लीनिक ओंकोलॉजिस्ट डॉ. भूपेंद्र चाहर का कहना है कि शुरुआती स्टेज पर कैंसर का इलाज शुरू होने पर बेहतर परिणाम मिलते हैं। इसके लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। खाना निगलने में परेशानी होना, मुंह में बार-बार छाले होना, खाना अटकना, पेशाब की आदत में बदलाव, पेशाब रुक-रुक कर आना, अनियमित रक्तस्राव, अधिक थकावट लगना, लंबे समय तक खांसी रहना और खांसने पर खून आना, महिलाओं में गंदे पानी की शिकायत, अपच, पेट का फूलना और बच्चों में बुखार लंबे समय तक रहना, शरीर में गिल्टियां होना, वजन कम होना, भूख न लगना शुरुआती लक्षण हैं। इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
इन बातों का ध्यान रखें
जीवनशैली को व्यवस्थित रखें।
फाइबर वाला खाना व चोकर वाला आटा खाएं।
तेल व चिकनाई से बचें।
प्रतिदिन 30 मिनट व्यायाम करें।
युवतियां सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन 14 से 26 वर्ष की उम्र में जरूर लगवाएं।
40 वर्ष की उम्र के बाद स्क्रीनिंग कराते रहना चाहिए।
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