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मथुरा वृंदावन के श्रीबांकेबिहारी मंदिर में भीड़ का दबाव नियंत्रित नहीं हो पा रहा है। मंगला आरती के दौरान हुए हादसे के बाद भी न प्रशासन जागा है और न स्वास्थ्य विभाग सचेत हुआ है। मंदिर में लगाई गई हेल्थ डेस्क सिर्फ दिखावे के लिए रह गई है। यहां बैठे डॉक्टर सुबह और शाम ड्यूटी निभाने आते हैं। डॉक्टरों के पास न तो आपातकालीन स्थिति से निपटने के संसाधन हैं और न उनके पास मरीज को अस्पताल तक पहुंचने के इंतजाम। सिर्फ नाम के लिए हेल्थ डेस्क बनाया गया है।
गेट नंबर तीन पर बेहोश हुई महिला
इसी का परिणाम रहा कि रविवार को दम घुटने से महिला श्रद्धालु मंदिर गेट नंबर तीन पर बेहोश हो गई, तो सभी इंतजाम फेल नजर आए। पुलिसकर्मियों ने महिला को रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम में भर्ती करवाया। जहां चिकित्सकों ने महिला की हालात खतरे से बाहर बताई है। महिला बल्लभगढ़ के आदर्श नगर कॉलोनी से दर्शन को वृंदावन आई थी।
मंदिर में रविवार को भारी भीड़ थी। दर्शन के लिए आपाधापी मची हुई थी। सुबह लगभग 11 बजे भक्तों की भीड़ का दबाव बढ़ता जा रहा था, मंदिर तक पहुंचने वाली गलियों में पैर रखने तक की जगह नहीं थी। इसी भीड़ में फरीदाबाद से आए श्रद्धालुओं के दल फंसा था। इस दल में शामिल बल्लभगढ़ के आदर्श नगर कॉलोनी निवासी 33 वर्षीय ममता मंदिर के गेट नंबर पर भोग भंडार तक पहुंची थीं कि भीड़ और उमस के कारण दम घुटने से वह बेहोश हो जमीन पर गिरने लगी। महिला श्रद्धालु के बेहोश होते ही मंदिर में अफरा- तफरी मच गई। आनन-फानन बेहोश हुई महिला को पुलिसकर्मियों ने रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम में भर्ती करवाया। यहां महिला की हालत खराब देखकर डॉक्टरों ने ऑक्सीजन दी। इसके बाद उनकी तबीयत में सुधार हो सका।
ममता के साथ आईं बबिता ने बताया वे सुबह बल्लभगढ़ से नरेश व ललित के साथ चार लोग ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन के लिए आए थे। मंदिर में पहुंचने के दौरान भीड़ के दबाव से गुजरना पड़ा। तभी ममता की दम घुटना शुरू हुआ और चक्कर आने लगे। जब मंदिर के गेट संख्या तीन से प्रवेश करने लगी, तो बेहोश होकर गिर गईं। उन्होंने बताया कि पहले ममता को उठाकर तख्त पर लिटाया तथा मंदिर में मौजूद चिकित्सकों ने महिला की जांच की लेकिन चिकित्सकों के पास पूरे संसाधन न होने के कारण उन्हें पुलिस की गाड़ी से रामकृष्ण मिशन अस्पताल पहुंचाया। इधर दोपहर बाद होश आने पर ममता ने बताया कि अब उनकी तबीयत सही है। उन्होंने बताया कि मंदिर के गेट नंबर तीन पर भीड़ के दबाव और उमस के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें कोई होश नहीं रहा।
गेट नंबर चार पर महिला सुरक्षा गार्ड भी हो चुकी है बेहोश
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मंगला आरती के दौरान हुए हादसे के अगले दिन 21 अगस्त को भीड़ के दबाव में मंदिर में तैनात निजी महिला सुरक्षा गार्ड की तबीयत बिगड़ने से बेहोश हो गई थी। उस दिन गेट नंबर 4 पर शोभा व अन्य गार्ड के साथ ड्यूटी पर थी। इसी दौरान गर्मी एवं उमस के चलते अचानक वे बेहोशी की हालत में गिर पड़ी। साथी सुरक्षा गार्ड उन्हें बिना समय गंवाए गोदी में उठाकर मंदिर के निकट स्थित सेठ हरगुलाल हेवली में संचालित क्लीनिक पर इलाज के लिए ले गए थे।
हादसे के बाद भी कम नहीं हो रही मंदिर में भीड़
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में हुए हादसे का कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है। मंदिर में भीड़ का दबाव कम नहीं हो रहा है। रविवार को भी मंदिर में भारी भीड़ का दबाव रहा। छुट्टी होने के कारण मंदिर में भारी भीड़ रही। सुबह पट खुलने के पहले ही मंदिर के बाहर भीड़ एकत्रित हो गई। मंदिर के गेट खुलते ही भक्तों की भीड़ मंदिर में प्रवेश कर गई। गलियों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही।
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