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पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू हो गई है। पुलिस आयुक्त से लेकर अन्य पुलिस अधिकारियों की तैनाती भी होने लगी है। मगर, यह व्यवस्था पूरी तरह से लागू नहीं हो सकी है। इसको देखते हुए अपराधियों के खिलाफ निरोधात्मक और संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई पुरानी व्यवस्था के तहत ही होगी।
मीडिया सेल पुलिस कमिश्नरेट की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि आगरा में नई कमिश्नरेट व्यवस्था के पूर्णत: प्रचलित होने तक अपराधियों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई पूर्व की तरह ही जारी रहेगी। इसमें प्रमुख रूप से गैंगस्टर एक्ट, धारा 14 (1) के तहत संपत्ति जब्तीकरण, गुंडा एक्ट, धारा 107-116 और 151 दंड प्रक्रिया संहिता की कार्रवाई शामिल है।
नई व्यवस्था में यह होगा बदलाव
पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था में गैंगस्टर एक्ट के मामलों की सुनवाई कमिश्नर ही करेंगे। इसके लिए फाइल को जिला प्रशासन के पास नहीं भेजा जाएगा। इसी तरह शांति भंग के मामले में भी एसीपी की कोर्ट में सुनवाई हुआ करेगी। इससे पहले एसीएम कोर्ट में सुनवाई हुआ करती थी। गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी प्रशासनिक अधिकारी करते थे।
कोर्ट बनाने के लिए देखे जा रहे भवन
आगरा कमिश्नरेट में फिलहाल पुलिस आयुक्त के अलावा अपर पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त और सहायक पुलिस आयुक्त की कोर्ट बनाई जानी है। इसके लिए कार्यालय देखे जा रहे हैं। पुलिस आयुक्त और अपर पुलिस आयुक्त की कोर्ट तो पुलिस लाइन में बनाई जाएंगी। अन्य कोर्ट भी बनाने के लिए डीसीपी और एसीपी के कार्यालय को चिह्नित किया जा रहा है। इनमें फर्नीचर से लेकर कर्मचारियों की तैनाती को लेकर मंथन चल रहा है। एसीपी की कोर्ट में लिंक अधिकारी सुनवाई किया करेंगे।
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