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महाराष्ट्र में मथुरा के साधुओं की पिटाई को लेकर संतों में आक्रोश है। इसे लेकर वृंदावन में बुधवार को धर्म रक्षा संघ की एक धर्म गोष्ठी अखंड दया धाम आश्रम में हुई। गोष्ठी में महाराष्ट्र के सांगली में साधुओं की बेरहमी से पिटाई करने का विरोध कर संतों ने आक्रोश व्यक्त किया।
महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद ने कहा कि महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरि व तीन अन्य पंच दशनाम जूना अखाड़े के साधुओं के साथ बीजापुर से पंढरपुर की तीर्थ यात्रा पर दर्शन करने के लिए जा रहे थे। ऐसे में उन संतों को जबरदस्ती रोककर उन्हें पीटा गया। संत समाज में इस घटना से रोष है।
‘संतों की पिटाई के पीछे साजिश’
स्वामी रमणरेती ने कहा कि महाराष्ट्र में संतों के साथ पिछले कुछ समय से जिस प्रकार का व्यवहार देखने में आ रहा है, यह सभी के लिए चिंता का विषय है। संतों की पिटाई किसी बड़ी साजिश का परिणाम प्रतीत होती है। आचार्य बद्रीश एवं महंत मोहिनी बिहारी शरण ने कहा कि संतों की पिटाई की घटना बिल्कुल पालघर की तर्ज पर हुई है। यदि समय पर पुलिस न पहुंचती तो इन संतों की भी जान चली जाती।
संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कहा कि धर्म रक्षा संघ संतों पर हुए बर्बर अत्याचार की कड़े शब्दों में निंदा करता है। महाराष्ट्र सरकार से मांग करता है कि सभी अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
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