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ताजनगरी आगरा में वायरल बुखार तेजी से लोगों को बीमार बना रहा है। सोमवार को एसएन मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और लेडी लॉयल की ओपीडी में 8257 मरीज आए। इनमें 1298 मरीज वायरल बुखार के रहे। इन्हें जुकाम-खांसी के साथ सीने में जकड़न और सांस लेने की समस्या रही। सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों को है।
मेडिसिन विभाग के डॉ. अजित चाहर ने बताया कि 583 मरीज ओपीडी में आए, इसमें से 272 मरीज वायरल बुखार के थे। दो-तीन दिन बुखार आने के बाद दवा लेने आए थे। छाती में जकड़न से सांस लेने में भी परेशानी थी। बालरोग विभाग के डॉ. नीरज यादव ने बताया कि ओपीडी में 160 बच्चे आए, इनमें से 103 बच्चे वायरल पीड़ित थे। तेज बुखार, खांसी के साथ मलेरिया भी मिला। सात बच्चों को भर्ती करना पड़ा। जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. अशोक अग्रवाल ने बताया कि मौसम बदलने से ओपीडी में सबसे ज्यादा 923 मरीज बुखार, खांसी, गले व सीने में दर्द, बलगम की दिक्कत के आए। दवाएं देने के साथ सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
अस्थमा मरीजों की फूल रही सांस: डॉ. जीवी सिंह
एसएन के वक्ष एवं क्षय रोग विशेषज्ञ डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि मौसम में बदलाव, हवा में धूल कण की वजह से अस्थमा, सांस और टीबी मरीजों की दिक्कत बढ़ गई है। टीबी के पुराने मरीजों की खांसी के साथ खून भी आ रहा है। हालत यह है कि सोमवार को ओपीडी 253 मरीज आए। इसमें 85 मरीज नए और 168 पुराने मरीज रहे।
उमस-गर्मी से हालत बिगड़ी
सोमवार को ओपीडी में डेढ़ गुना अधिक मरीज आते हैं। जिला अस्पताल में 4951, एसएन में 2885 और लेडी लॉयल में 421 मरीज आए। घंटे भर में पर्चा बना, डॉक्टर को दिखाने और दवा लेने के लिए भी आधा-आधा घंटे का समय लगा। गर्मी और उमस से गर्भवती और बुजुर्ग मरीजों की हालत बिगड़ गई। दहतौरा की कमलेश देवी ने बताया कि पर्चे के लिए घंटे भर लाइन में खड़े होने से चक्कर आने लगे।
ये बरतें सावधानी:
– बच्चे को बुखार होने पर सादा या फिर गुनगुने पानी की पट्टी रखें।
– एसी और पानी चलते कूलर में बच्चों को सुलाने से बचें।
– सीने में जकड़न होने पर दो बार भाप ले सकते हैं।
– इन्हेलर की डोज बढ़वाएं, दमा रोगी दवा बंद न करें।
– दो से ढाई लीटर पानी पीएं, फल भी खाएं।
– दाल, चपाती, हरी सब्जी भोजन में उपयोग करें।
– बुखार पर पैरासिटामॉल दवा लें, तेज बुखार होने पर डॉक्टर को दिखाएं।
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