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शमी वृक्ष का हुआ पूजन
– फोटो : अमर उजाला
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वृंदावन में दक्षिण भारतीय शैली के श्री रंगनाथ मंदिर में विजयदशमी का पर्व बुधवार को विधि विधान से मनाया गया। विजयदशमी पर भगवान रंगनाथ की सवारी प्रातः निज मंदिर से बड़े बगीचा पहुंची। जहां भगवान की आरती उतारी गई और प्रसाद लगाया गया।
शाम को गौधुली बेला में बड़े बगीचा स्थित मण्डप से भगवान स्वर्ण अश्व पर विराजमान होकर हाथ में भाला, धनुष, तलवार एवं अन्य शस्त्र लेकर शमी वृक्ष के समीप पहुंचे। यहां मंदिर के स्वामी गोवर्धन रंगाचार्य के नेतृत्व में शमी ( छौंकरा) वृक्ष का पूजन वैदिक मंत्रोचारण के मध्य पूरे विधि विधान से किया गया।
मंदिर के सेवायत रघुनाथ स्वामी ने बताया कि मान्यता है कि पांडव जब वन गए तब अपने अस्त्र-शस्त्र शमी के वृक्ष पर ही रखकर गए थे। दशहरे पर जब वह वापस आए तो पहले उन्होंने शमी के वृक्ष का पूजन किया और फिर आठों दिशाओं में शस्त्र चलाकर परीक्षण किया।
इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए भगवान रंगनाथ की सवारी निज मंदिर से बड़े बगीचा आती है। शाम को शमी वृक्ष का पूजन कर वापस परम्परागत वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि के बीच निज मंदिर पहुंचती है। विजयदशमी के पर्व पर रंगनाथ मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने पहुंचे।
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