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1971 WAR
– फोटो : भारतीय सेना
विस्तार
ठीक 52 साल पहले पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश का उदय हुआ। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की यादें अब भी 16 दिसंबर के आते ही वार हीरोज के सामने किसी फिल्म की तरह से चलती हैं। पाकिस्तान की कमर तोड़ने में आगरा के बहादुरों का बड़ा योगदान रहा। आगरा की मिट्टी में पले बढ़े वीर जवानों ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दी थी।
1971 युद्ध के परमवीर चक्र विजेता फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह शेखों ने पाकिस्तानी जेट एफ-86 गिराए थे। वह 1963 में दयालबाग टेक्निकल कॉलेज के छात्र रहे थे। आगरा की मिटटी में पले बढ़े बहादुर निर्मलजीत सिंह शेखों ने पाकिस्तानी एयरफोर्स की कमर तोड़कर रख दी थी। उन्हें हर साल दयालबाग कॉलेज याद करता है।
नागी पोस्ट से मार भगाए पाकिस्तानी सैनिक
1971 युद्ध के हीरो कर्नल सीके सिंह तब कैप्टन थे। 4 पैरा स्पेशल फोर्सेज के कर्नल (रि.) सिंह बताते हैं कि पाकिस्तान के साथ युद्ध में वह नागी पोस्ट पर तैनात किए थे। पाकिस्तानी सैनिक इस पोस्ट पर आकर बैठ गए, उन्हें रात में ही जवानों ने बहादुरी के साथ मार भगाया। इसमें उनके साथी भारतीय सेना के 3 अफसर और 17 जवान शहीद हो गए थे। पश्चिमी मोर्चे पर नागी पोस्ट को तब सबसे बड़ी जीत बताया गया था। पूरी रात दुश्मनों से लड़ते हुए तत्कालीन कैप्टन के नजदीक कई बार बम और गोले गिरे, पर वह बच गए।
आगरा एयरफोर्स पर गिराए थे 16 बम
3 दिसंबर को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तानी हमले की जानकारी देश के लोगों को रेडियो संदेश के जरिए दी थी। सिविल सोसायटी के राजीव सक्सेना बताते हैं कि देश के 11 एयरफोर्स स्टेशनों पर जब पाकिस्तानी विमानों ने हमले किए। आगरा एयरफोर्स ट्रांसपोर्ट विमानों और युद्ध में मदद भेजने वाले विमानों का सबसे बड़ा बेस था। पाकिस्तानी बमबर्षक विमान मार्टिन बी-57 ने खेरिया एयरपोर्ट पर 6 हमले किए थे। यहां 16 बम गिराए गए थे। इनमें से 3 हवाई पट्टी पर गिरे, जबकि दो फटे नहीं बाकी एयरफोर्स के आसपास गिरे। इससे हवाई पट्टी पर 5 फुट और 20 फुट चौड़ा गड्ढा हो गया था। इसे 24 घंटे के अंदर ही भरकर वायुसेना ने जवाबी हमले शुरू कर दिए थे। तब ताजमहल को कपड़े से ढक दिया गया था।
पाकिस्तान पर गिराए थे 10.4 लाख पाउंड के बम
सेंट्रल कमांड के बड़े स्टेशन आगरा एयरफोर्स पर पाकिस्तानी हमले के तत्काल बाद एयर वाइस मार्शल एम वार्कर आगरा आए थे। तब उन्होंने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह को ध्वस्त करने वाले विंग कमांडरों और आगरा के तत्कालीन एयर कमोडोर जफर जहीर की बहादुरी की तारीफ की थी। अमर उजाला में प्रकाशित खबर में बताया गया कि महज चार दिन में ही सेंट्रल एयर कमांड के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान पर 10.4 लाख पाउंड के बम गिराए थे। उनके साथ तब विंग कमांडर गौतम, विंग कमांडर बेनेगल, वाधवा, तलवार, वशिष्ठ और ठाकर आए थे।
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