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डॉ.भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा विश्वविद्यालय में कमीशनखोरी से जांच हुई शुरू अब प्रो. विनय पाठक के मनमाने फैसलों तक पहुंच गई है। एसटीएफ की प्रारंभिक जांच में परीक्षा केंद्र बनाने में भी खेल हुआ है। इसमें बिना मानक वाले कॉलेजों को भी केंद्र बना दिया। इसका शिक्षक संघ औटा ने भी विरोध किया था।
बिना मानक के ही केंद्र बना दिए
विश्वविद्यालय के 2021-22 सत्र की परीक्षा करीब 200 केंद्रों पर हुई थी। इसमें मैनपुरी, एटा और देहात के कई कॉलेजों में बिना मानक के ही केंद्र बना दिए। जब परीक्षाएं शुरू हुई तो सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से इनकी पोल खुली। इनमें फर्नीचर की कमी थी, कक्ष भी छोटे थे और दागी कॉलेजों को भी केंद्र बना दिया था। शादी-समारोह वाली कुर्सी-मेज पंगत की तरह लगाकर परीक्षाएं कराई जा रहीं थीं।
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ऐसे कॉलेज भी थे, जिनमें मानक नहीं थे और दागी थे
मैनपुरी के कॉलेज में पंखा नहीं था और परीक्षार्थी पर्चे से हवा करते नजर आए थे। ऐसे कॉलेज भी थे, जिनमें मानक नहीं थे और दागी थे। इस पर महाराणा प्रताप कॉलेज, बाबा भीमसेन महाविद्यालय मथुरा, श्री यशपाल सिंह महाविद्यालय मथुरा के केंद्र निरस्त करने पड़े। आरबीसी डिग्री कॉलेज मथुरा, बाबूराम यादव कॉलेज करहल, सुरेशचंद्र सिंघल मेमोरियल महाविद्यालय आगरा, श्री भवानी सिंह महाविद्यालय आगरा, चौधरी सूरज सिंह महाविद्यालय मैनपुरी और एसबीएस कॉलेज मथुरा में पर्यवेक्षक की निगरानी में परीक्षाएं करानी पड़ीं।
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