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कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
लंबे समय तक बीड़ी पीने से मरीज के बाएं पैर की कई नसें सूख गईं। रक्त का संचार बंद होने से उसे पैर में असहनीय दर्द रहने लगा। एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने पर डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर दोनों पैरों की नसों को आपस में जोड़ दिया। इससे न केवल मरीज का दर्द ठीक हुआ बल्कि सूखी नसों में भी रक्त का संचार होने लगा। मरीज को सोमवार को डिस्चार्ज भी कर दिया गया।
सीटीवीएस (कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी) विभाग के डॉ. सुशील सिंघल ने बताया कि फिरोजाबाद के 76 साल के मरीज 28 दिसंबर को इमरजेंसी में भर्ती हुए। इनको 2-3 साल से पैरों में दर्द हो रहा था। बीते 2-3 महीने से तो दर्द असहनीय हो गया। सीटी स्कैन वाली एंजियोग्राफी कराने पर इनके सीधे पैर की नस जांघ तक ब्लाॅक मिली। पूछताछ में पता चला कि 45-50 साल से बीड़ी पी रहे हैं, जिसके चलते एक पैर की कई नसें सूख गईं। खून पतला करने की दवा से भी आराम नहीं मिलने पर ऑपरेशन तय किया गया।
इसमें शरीर की ही वैस्कुलर नस को निकालकर बाएं पैर की नस को दाएं पैर की नस से जोड़ दिया। इससे एच आकार की बाईपास सर्जरी करनी पड़ी। ऐसा करने से दोनों पैरों में रक्त का संचार होने लगा। ऑपरेशन के 3 दिन बाद ही मरीज को दर्द से पूरी तरह निजात मिल गई और वह चलने-फिरने लगा। टीम में डॉ. श्रेया श्रीवास्तव, डॉ. रेनू सिंह डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि सुपर स्पेशियलिटी सेंटर खुलने से कई गंभीर ऑपरेशन यहां हो रहे हैं। निजी अस्पताल में ऐसे ऑपरेशन का खर्च करीब तीन लाख रुपये तक आता है। यहां लगभग निशुल्क ऑपरेशन हुआ है।
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