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सीओ सदर अर्चना सिंह ने बताया कि एक युवती ने बताया था कि उसकी बहन दिल्ली में रहती है। उसने भारतीय युवक से शादी की है। मगर, बहन उससे मिलने नहीं आई। युवतियों से पूछा गया था कि वह आगरा क्यों आई थीं? इसके बारे में यही कहा कि वह ताजमहल देखना चाहती थीं। अगर, उन्हें ताजमहल देखना था तो फर्जी आईडी का प्रयोग क्यों किया? फर्जी आधार कार्ड कहां से बनवाएं? यह वो नहीं बता सकी हैं।
आगरा में किसने बुलाया
पुलिस को आशंका है कि युवतियों को किसी ने आगरा बुलाया था। उन्हें होटल में ठहरा दिया था। अब पुलिस यह पता लगा रही है कि उन्हें बुलाने वाला कौन है? इसके लिए मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। व्हाट्स एप काल को भी चेक किया जाएगा। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में मोबाइल की जांच कराई जाएगी। गैलरी में कोई ऐसी सामग्री तो नहीं है कि जिससे किसी रैकेट से जुड़ा होने का पता चले, यह देखा जाएगा।
कब आईं थीं भारत
पुलिस ने दूतावास को पत्र लिखा है। जानकारी जुटाई जा रही है कि दोनों युवतियां भारत कब आई हैं? उनके वीजा की अवधि कब समाप्त हो गई। वह वापस क्यों नहीं गईं? यह सब पता किया जा रहा है। उन्हें फर्जी आधार कार्ड कहां से मिले। इसके लिए दिल्ली पुलिस से संपर्क किया जा रहा है। आधार कार्ड पर दिल्ली के पते थे।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि उज्बेकिस्तान की युवतियों के संबंध में दूतावास को पत्र लिखा गया है। दोनों आगरा में किससे मिलने आईं थीं। फर्जी आधार कार्ड किसने बनाए। वीजा कब तक का था। इस सबकी जानकारी जुटाई जा रही है।
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