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ताजमहल के दीदार के दौरान ही अमेरिका की कंपनी स्टारकी के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को अपनी नई कान की मशीन (हियरिंग एड) को लॉन्च किया। कंपनी के तीन अधिकारियों ने तीन मशीनों को खोलकर ताज के सामने प्रदर्शित किया। अधीक्षण पुरातत्वविद ने इसे सुरक्षा में चूक मानते हुए जांच बैठा दी है। साथ ही रिपोर्ट तलब कर ली है।
कान की मशीन बनाने वाली अमेरिका की कंपनी स्टारकी के एशिया पैसिफिक सेल्स अधिकारी, भारत में कंपनी के एमडी सहित तीन अधिकारियों ने बृहस्पतिवार दोपहर को ताजमहल का भ्रमण किया। इस दौरान ताज के सामने सेंट्रल टैंक के पास तीनों अधिकारियों ने कंपनी की कान की मशीनों के बॉक्स खोलकर प्रदर्शित करते हुए फोटोग्राफी करवाई। इस तरह ताज के साये में उन्होंने भारत में पहली बार इन मशीनों को लॉन्च किया और इनकी खूबियां भी बताईं। इसकी भनक ताज की सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों को नहीं हो सकी।
जब कंपनी के अधिकारी लौट गए तब कंपनी की ओर से लॉन्चिंग का फोटो मीडिया संस्थानों को भेजा गया। इसमें कंपनी के तीनों अधिकारियों के पदनाम व नाम और मशीन के बारे में उल्लेख किया गया। देर शाम को एएसआई के अधिकारियों को इस घटनाक्रम की जानकारी दी गई।
इलेक्ट्रॉनिक सामान अंदर कैसे पहुंचा
मामला संज्ञान में आया है। इलेक्ट्रॉनिक सामान ताज के अंदर तक कैसे पहुंच गया। ताज पर किसी भी तरह का विज्ञापन या प्रचार करना गैरकानूनी है। इस संबंध में जांच शुरू करा दी गई है। साथ ही ताज के स्थानीय अधिकारी और सीआईएसएफ से पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब की गई है। – राजकुमार पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद
व्यावसायिक गतिविधि पर है प्रतिबंध
ताजमहल परिसर में किसी भी तरह की व्यावसायिक गतिविधि पर प्रतिबंध है। इसके पहले विदेशी सॉफ्टवेयर कंपनी पर उत्पाद का प्रचार करने के मामले में एएसआई ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसके अलावा एक अंतरराष्ट्रीय मॉडल के विरुद्ध सैंडिल का विज्ञापन करने पर मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है।
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