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UP Lok Sabha Election 2024
– फोटो : अमर उजाला
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धरती पकड़ के नाम से मशहूर काका जुगेंदर सिंह चुनाव आयोग और राष्ट्रीय नेताओं के लिए परेशानी का सबब बन गए थे। चुनावों में हार का कीर्तिमान बना चुके धरती पकड़ 1991 के चुनाव में कई दिग्गजों के खिलाफ खड़े हुए थे।
अमर उजाला में 15 मई 1991 को प्रकाशित समाचार के अनुसार, हार पक्की होने के बावजूद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने के लिए विख्यात धरती पकड़ ने लालकृष्ण आडवाणी, राजेश खन्ना, स्वामी चिन्मयानंद, विजय कुमार मल्होत्रा, एचकेएल भगत, जगदीश टाइटलर, अकबर अहमद डंपी, देवीलाल, हुकुम सिंह, शरद यादव और अजित सिंह जैसे कई नेताओं के खिलाफ पर्चे दाखिल किए थे।
वह बरेली मंडल में लोकसभा की दो सीटों समेत प्रदेश और देश की 17 महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे थे। इन सीटों पर दर्जनों राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय नेता किस्मत आजमा रहे थे। इसके अलावा वह विधानसभा की 40 सीटों पर भी उम्मीदवार थे। बड़े नेताओं को काका जुगेंदर सिंह की सेहत की चिंता थी।
इन नेताओं को यह आशंका थी कि अगर कुछ अनहोनी हो गई, तो धरती पकड़ के कारण लोकसभा और विधानसभा की 57 सीटों के चुनाव स्थगित हो जाएंगे। खुद काका इस बात से बेखबर थे। उनकी सुरक्षा में सिर्फ दो राइफलधारी गार्ड थे। इन गार्डों के साथ वह अपनी कपड़े की दुकान पर नियमित बैठते थे।
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