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पीएम आवास योजना के तहत बना मकान
विस्तार
एटा शहरी क्षेत्र की प्रधानमंत्री आवास योजना में मिलने वाली ढाई लाख रुपये की सहायता राशि दिलाने के लिए अवैध वसूली का सिलसिला थम नहीं रहा है। शिकायतों पर दिखाने के लिए कार्रवाई तो होती है लेकिन चेहरे बदल जाते हैं और वसूली जारी रहती है।
जलेसर में दिसंबर में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सर्वे के दौरान वार्ड नंबर सात की सभासद आरती कुमारी ने जिलाधिकारी से शिकायती की थी। बताया कि एजेंसी के सर्वेयर मनोज व विकास लाभार्थियों से अवैध धन उगाही कर रहे हैं। डीएम ने इसकी जांच करने को कहा तो डूडा की ओर से दोनों आरोपी कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई। इसके साथ ही सर्वे करा रही मै. जयेश ए दलाल को पत्र भी जारी किया गया था।
लिखा गया कि किसी भी लाभार्थी से किसी प्रकार की धन वसूली नहीं होनी चाहिए। अनियमितता पर कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। साथ ही आरोपी दोनों कर्मचारियों की जांच कर कानूनी कार्रवाई करने को भी कहा था। लेकिन न तो इन दोनों पर कोई कानूनी कार्रवाई हुई और न ही वसूली ही समाप्त हो गई। हाल में शीतलपुर विकासखंड क्षेत्र में लेनदेन को लेकर जियो टैगिंग लटकाने की शिकायत आई। इस पर डूडा द्वारा दो कर्मचारियों अनिल कुमार व संदीप की संविदा समाप्त की गई है।
जैथरा में हुआ था खेल
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जैथरा में भी खेल हुआ था। कर्मचारियों ने सर्वे कर कई लोगों से रुपये ले लिए। उन्हें पात्र बताते हुए जल्द किश्त भेजे जाने का आश्वासन दिया। लेकिन जारी की गई पात्रता सूची में तमाम ऐसे लोगों के नाम नहीं थे, जिनसे पात्रता बताकर रुपये लिए गए थे। इस मामले की जांच अभी चल रही है।
ऐसे होता है खेल
सूडा (राज्य नगरीय विकास अभिकरण) ने जयेश ए दलाल संस्था को पूरे प्रदेश में इस योजना के सर्वे और जिओ टैगिंग के लिए अधिकृत किया है। जिले में वर्तमान में 12 कर्मचारी काम कर रहे हैं। आवेदकों के अनुसार ये लोग फाइल बनाने, फोटो व जियो टैगिंग के लिए 5 हजार से 20 हजार रुपये तक ले लेते हैं। ढाई लाख रुपये मिलने के बदले लोग इनसे समझौता कर लेते हैं।
ये बोले अधिकारी
एडीएम प्रशासन सत्यप्रकाश ने बताया कि योजना में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कोई कर्मचारी या एजेंसी की गलत भूमिका मिलती है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।
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