[ad_1]
पुलिस गिरफ्त में बच्चे का हत्यारोपी अंता उर्फ अंतराम
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के खेरागढ़ में 40 साल पहले अधिवक्ता के सात वर्षीय पुत्र की हत्या कर आरोपी अंता उर्फ अंतराम, रामनिवास बन गया। फर्जी आधार कार्ड भी बनवा लिया। राजमिस्त्री का काम करने लगा। दिल्ली में घर बसा लिया। बच्चे भी हो गए। फाइल में मफरूर घोषित होने के बावजूद पुलिस की तलाश बंद नहीं हुई। परिजन से घर मिलने आते ही सोमवार को पकड़ लिया गया। अब उसे जेल भेज दिया गया है।
मामले के अनुसार, मार्च 1982 में कसबा के ऊंट गिरी चौराहा निवासी अधिवक्ता नाहर सिंह के सात साल के बेटे हरेंद्र उर्फ भूरा का अपहरण किया गया था। परिवार से पांच लाख रुपये फिरौती मांगी गई थी। थाना प्रभारी खेरागढ़ राजीव सोलंकी ने बताया कि अपहरण नाहर सिंह के पड़ोस में रहने वाले अंता उर्फ अंतराम और चंदा उर्फ चंद्रभान ने किया था। फिरौती नहीं दे पाने के कारण हरेंद्र की हत्या कर दी गई।
सात दिन बाद शव खिन्नी का बाग में बरामद हुआ था। पुलिस ने दबिश देकर चंदा को गिरफ्तार कर लिया। उसे जेल भेज दिया गया। मगर, अंता का पता नहीं चला। पुलिस ने कई स्थानों पर दबिश दी। परिजन पर शिकंजा कसा। मगर, हाथ नहीं आया। पुलिस ने अंता के घर की कुर्की कर दी। इसके बावजूद उसका पता नहीं चला। उसे मफरूर घोषित करने के बाद चार्जशीट लगा दी गई। उसका स्थायी वारंट भी जारी हो गया। तब आरोपियों की उम्र 19 से 20 साल थी।
सजा के बाद पेरौल मिली तो हो गया फरार
वर्ष 1983 में कोर्ट ने आरोपी चंदा को अपहरण और हत्या का दोषी पाया। उसे आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई। सजा के खिलाफ चंदा हाईकोर्ट में चला गया। अपील पर उसे पेरौल मिल गई। पैरौल मिलने के बाद वो भी फरार हो गया। पुलिस के मुताबिक, उसकी गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट जारी हो रहे हैं। पुलिस जब भी उसके घर जाती है, परिजन यही कहते हैं कि वो मर गया। 1996 से वो देखा नहीं गया है।
60 साल की उम्र में गया जेल
पुलिस ने बताया कि आरोपी अंता उर्फ अंतराम इस समय 60 साल का है। हत्या के समय 20 साल का था। वो घर से भागकर दिल्ली पहुंच गया था। वह पहले किराये पर रहा। इसके बाद अपना नाम बदलकर रामनिवास कर लिया। इसी नाम से आधार कार्ड भी बनवा लिया। राजमिस्त्री का काम करने लगा। उसने शादी भी कर ली। उसकी दो बेटियां और एक बेटा है। अपना घर भी बना लिया। वो परिवार के लोगों से भी मिलने नहीं आता था। इस कारण पुलिस जब भी गांव जाती थी, घरवाले यही कहते थे कि उसका कोई अता पता नहीं है। मगर, पुलिस पड़ताल करती रही।
भाई पर नजर बनाई तो हाथ आ गया आरोपी
थाना प्रभारी ने बताया कि अंता चार भाई हैं। दो भाई खेरागढ़ में ही रहते हैं, जबकि एक भाई पप्पू दिल्ली में ही काम करता है। मृतक हरेंद्र के पिता की मौत हो चुकी है। हरेंद्र के बड़े भाई राघवेंद्र आरोपी के परिवार पर नजर बनाए थे। उन्होंने पुलिस को पप्पू के बारे में बताया। इसके बाद पुलिस ने पप्पू पर सर्विलांस से नजर रखी। इससे सुराग मिला। अंता सोमवार रात को परिवार से मिलने आया था। तभी पुलिस ने दबिश देकर पकड़ लिया।
[ad_2]
Source link