Monday, January 6, 2025
Home Agra Up:सिविल जज ने पेश की मिसाल, सरकारी अस्पताल में कराया प्रसव; बोलीं- बेहतर हैं सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं – Civil Judge Delivered In Government Hospital In Firozabad

Up:सिविल जज ने पेश की मिसाल, सरकारी अस्पताल में कराया प्रसव; बोलीं- बेहतर हैं सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं – Civil Judge Delivered In Government Hospital In Firozabad

by amitsagar
0 comment

[ad_1]

Civil judge delivered in government hospital in Firozabad

प्रसव के बाद सिविल जज जूनियर डिवीजन श्वेता सिंह एवं परिवार के लोग
– फोटो : अमर उजाला



विस्तार


सुहागनगरी फिरोजाबाद में सिविल जज दंपती ने मिसाल पेश की है। सिविल जज श्वेता सिंह ने सौ शैय्या अस्पताल में प्रसव कराया है। सोमवार की सुबह चार बजे उनका सामान्य प्रसव हुआ। नवजात शिशु को सरकारी अस्पताल में ही टीके लगाए गए। जच्चा-बच्चा पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। उन्होंने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बताया है। 

सिविल जज जूनियर डिवीजन श्वेता सिंह गर्भवती रहने के दौरान सौ शैय्या अस्पताल में चेकअप कराने आई थीं। उन्हें चिकित्सक और स्टाफ का मरीज के प्रति व्यवहार काफी पसंद आया। सरकारी अस्पताल की सुविधाएं भी पसंद आईं। उन्होंने सौ शैय्या अस्पताल में डिलीवरी कराने का निर्णय लिया। 

यह भी पढ़ेंः- UP: प्रेमी युगल ने होटल में लिया कमरा, फिर आने लगीं चीखने की आवाजें; भागकर पहुंचा स्टाफ खून से लथपथ मिले दोनों

सोमवार को प्रसव पीड़ा होने पर वह अस्पताल पहुंची। सुबह चार बजे उन्हें प्रसव कराया गया। यह प्रसव स्टाफ नर्स प्रतिभा जैन ने कराया। इसके बाद स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. दिव्या चौधरी और सीएमएस डॉ. नवीन जैन ने स्वास्थ्य का परीक्षण किया। बच्चे को टिटनेस सहित अन्य टीके भी सरकारी अस्पताल में ही लगाए गए।

श्वेता सिंह के पति प्रभात कुमार सिंह भी सिविल जूनियर डिवीजन में जज हैं। सिविल जज श्वेता सिंह ने बताया कि मैंने अनुभव किया है कि सरकारी अस्पताल में ज्यादा सुविधाएं हैं और प्रशिक्षित स्टाफ है। इसी वजह से नॉर्मल डिलीवरी सरकारी अस्पताल में ज्यादा होती हैं। मुझे यहां व्यवस्थाएं अच्छी लगीं और आमजन को संदेश भी जाए कि सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज होता है।

कोरोना काल के बाद जगा विश्वास

कोराना काल के बाद सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर आमजन का विश्वास बढ़ा है। हर माह एक हजार से 1150 डिलीवरी हो रही है। इसमें सिजेरियन से ज्यादा नार्मल डिलीवरी की है। जबकि कोरोना काल से पहले महज 500 से 600 डिलीवरी प्रतिमाह होती थीं।

सरकारी अस्पताल में आया पहला बड़ा मामला

जिले के सरकारी अस्पताल में किसी संभ्रात परिवार का यह पहला मामला आया है कि उन्होंने सरकारी अस्पताल में डिलीवरी कराई है। यहां तक की जिला अस्पताल के चिकित्सक के परिवार भी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से दूरी बनाए रहता है।

[ad_2]

Source link

You may also like

Leave a Comment

About Us

We're a media company. We promise to tell you what's new in the parts of modern life that matter. Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis, pulvinar dapibus leo. Sed consequat, leo eget bibendum sodales, augue velit.

Facebook Twitter Youtube Linkedin Instagram

Fear for many online retailers as shoppers hit by trio of rising living costs

Recent Articles

Fear for many online retailers as shoppers hit by trio of rising living costs Daily horoscope: Your star sign reading, astrology and zodiac forecast Theory: Tom Holland’s Peter Parker replaced by Miles Morales in next trilogy

Featured

Latest box office bomb ‘will lose $100 million’ amid ongoing pandemic England vs South Africa free live stream: Watch Autumn Nations Series online White House plan aims to protect science from politics with new approach @2022 - All Right Reserved. Designed and Developed by PenciDesign