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स्ट्रॉबेरी की खेती
– फोटो : pixabay
विस्तार
फिरोजाबाद में नई फसलें ब्रोकली एवं स्ट्रॉबेरी करने वाले किसानों के अच्छा लाभ कमाने के सपनें पूरे नहीं हो सके। उचित विपणन व्यवस्था नहीं होने के कारण किसानों को इन फसलों को खेतों में जुतवाने के लिए विवश होना पड़ा। इससे किसानों को लाभ के बजाय लाखों रुपया का घाटा उठाना पड़ा है। कई किसान कर्जदार तक हो गए हैं।
अरांव ब्लाक के किसरांव निवासी किसान शेर सिंह यादव ने साढ़े तीन बीघा में स्ट्रॉबेरी की फसल प्रयोग के तौर पर बोई थी। एक लाख 20 हजार के पौधे लाए थे। फसल जब तैयार हुई तो किसान को अच्छे दाम मिलने की उम्मीद थी, लेकिन इस फसल को उचित मार्केट नहीं मिलने के कारण खेतों में फसल बर्बाद हो गई। इस फसल को फ्रीजर में 72 घंटे तक सुरक्षित रख सकते हैं। स्थानीय स्तर पर डिमांड काफी कम होने के कारण किसान शेर सिंह को कोई लाभ नहीं मिला। बल्कि खेतों में फसल बर्बाद हो गई। करीब तीन लाख से अधिक का नुकसान हो गया। इसके साथ ब्रोकली की फसल को बोया था। बारिश हो जाने के कारण ब्रोकली एक साथ तेजी के साथ बढ़ गई।
शेर सिंह बताते हैं कि दो बार बिक्री तो 55 रुपये एवं 42 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक गई, लेकिन बाद में 93 पैकेट ब्रोकली दिल्ली की आजादपुर मंडी व एक ट्रैक्टर आगरा एवं एक ट्रैक्टर फिरोजाबाद की मंडी में भेजी। उचित भाव नहीं मिलने के कारण इस फसल को वहीं फ्री में छोड़कर वापस लौटना पड़ा। ब्रोकली की फसल में ही करीब सात लाख से अधिक की हांनि हुई। यदि उचित विपणन की व्यवस्था होती तो फिर इतना नुकसान नहीं उठाना पड़ता। गढ़ी हंसराम निवासी उन्नतिशील किसान राजेश प्रताप सिंह बूली कहते हैं कि ब्रोकली की फसल यदि किसान अगैती करे तो लाभदायक सिद्ध होती है। लेकिन पिछैती फसलों से सीधे हांनि होती है। जिले में कई किसानों को इसका लाभ नहीं मिल सका। स्ट्रॉबेरी व ब्रोकली जैसी फसल उगाने वाले कई किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है।
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विभाग करेगा हर संभव मदद
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. संजीव कुमार वर्मा ने बताया कि औद्यानिक फसलें उगाने वाले उन्नतिशील किसानों को विभाग की ओर से हर संभव मदद की जाती है। विभाग इसके लिए लगातार प्रयासरत है। इसके संबंध मे किसानों को जानकारी समय-समय पर दी जाती है। विपणन व्यवस्था में सुधार कर किसानों को लाभ दिलाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।
केंसर रोधी होती है ब्रोकली
ब्रोकली की फसल के बारे में कम लोग जानते हैं। उन्नतिशील किसानों की मानें तो यह केंसर रोधी होने के साथ ज्वाइंट (घुटनों) में दर्द, हार्ड एवं बीपी, सुगर के मरीजों के लिए लाभदायक होने के साथ जिम जाने वाले युवाओं के लिए मशल्स आदि बनाने वालों के लिए भी लाभदायक होती है।
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