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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
– फोटो : संवाद
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उत्तर प्रदेश के मथुरा में फसल बीमा घोटाले से जुड़े 311 किसानों की सूची जनपद की विभिन्न तहसीलों को भेज दी गई है। पूर्व में भी इन किसानों को जनपद स्तर पर कृषि विभाग ने नोटिस जारी किए थे, लेकिन इनका संज्ञान किसानों ने नहीं लिया।
गौरतलब रहे कि जनपद में करीब पांच हजार से अधिक किसानों ने फर्जी तौर पर फसल बीमा का लाभ उठाया है। दो साल के दौरान बगैर खेत और बगैर फसल के बीमा कंपनी, तहसील और कृषि अधिकारियों के साथ सांठगांठ करते हुए किसान फर्जी तौर पर बीमा राशि हासिल कर गए। एक साल की जांच के दौरान जनपद के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध रही है। चंद किसानों की जांच के अलावा पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की गई।
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कृषि विभाग के फसल बीमा से जुड़े जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे मामले पर पर्दा डाले रहे। अब इस मामले की जांच शासन स्तर से भी हो रही है। इस जांच के दायरे में पांच हजार किसान रडार पर हैं। इसमें अधिकांश जनपद की छाता और गोवर्धन तहसील के गांवों से जुड़े हुए हैं।
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उपनिदेशक कृषि रामकुमार माथुर ने बताया कि 311 किसानों को इस मामले में कृषि विभाग नोटिस जारी किए थे। अब उन किसानों के खिलाफ रिकवरी का आदेश जारी कर दिया है। रिकवरी का आदेश तहसील को दिए गए हैं।
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