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आगरा किला
– फोटो : अमर उजाला
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ताजनगरी आगरा में कभी मुगलिया हुकूमत की राजधानी और ब्रिटिश राज में नार्थ वेस्ट प्राविंस की राजधानी रहे आगरा को आजादी के महज 8 साल बाद ही 1955 में अलग राज्य और प्रदेश की राजधानी बनाने की सिफारिश की गई थी। 1953 में न्यायमूर्ति फजल अली की अध्यक्षता वाले राज्य पुनर्गठन आयोग के सदस्य केएम पणिक्कर ने आगरा राज्य और आगरा को इसकी राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा था।
उस समय 16 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश बनाने की सिफारिश की गई थी। इसे प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने खारिज कर दिया था। जाट संसद में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने का मामला उठाया तो आगरा में इसकी सुगबुगाहट शुरू हो गई।
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