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– फोटो : istock
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मैनपुरी के थाना घिरेार क्षेत्र से अनुसूचित जाति की एक किशोरी को 22 साल पहले घर से ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले को स्पेशल जज एससी/एसटी एक्ट चंपत सिंह ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सजा सुनाने के बाद उसको हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है।
थाना घिरोर क्षेत्र के एक मोहल्ला की रहने वाली एक अनुसूचित जाति की किशोरी 13 दिसंबर 2009 की शाम चार बजे एक खेत में शौच करने गई थी। वहां पहले से मौजूद घिरोर के मोहल्ला काजी निवासी यूसुफ उर्फ ईशुब उसको बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया। यूसुफ ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। किशोरी की मां ने यूसुफ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने किशोरी का मेडिकल कराने के बाद यूसुफ के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में भेजकर उसको जेल भेज दिया।
मुकदमे की सुनवाई स्पेशल जज एससी/एसटी एक्ट चंपत सिंह की कोर्ट में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से वादी, विवेचक, चिकित्सक, किशोरी सहित गवाहों ने दुष्कर्मी केे खिलाफ कोर्ट में गवाही दी। गवाही के आधार पर यूसुफ को किशोरी का अपहरण करके दुष्कर्म करने का दोषी पाया गया। विशेष लोक अभियोजक एमपी सिंह चौहान ने दुष्कर्मी को कड़ी सजा देने की दलील दी। स्पेशल जज एससी/एसटी एक्ट चंपत सिंह ने दुष्कर्मी को आजीवन कारावास की सजा सुनाकर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उसको हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है।
किशोरी की गवाही पर हुई सजा
पीड़िता किशोरी ने अदालत में आरेापी यूसुफ की पहचान की। उसने गवाही में बताया कि यूसुफ उसको अपने साथ कानपुर ले गया था। कानपुर के एक होटल में उसके साथ दुष्कर्म किया था। बाद मेें उसको अपनी बहिन की ससुराल एटा में ले गया। एटा में भी बहिन के घर पर उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके विरोध करने पर उसको कई बार पीटा। घटना के बाद से वह लगातार मानसिक तनाव में रही है।
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