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परिवार न्यायालय में पहुंची महिला ने बताया कि पति अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। डेढ़ करोड़ रुपये का वार्षिक पैकेज है। सबकुछ हंसी खुशी से चल रहा था, लेकिन बेटी पैदा हुई तो ससुराल वाले ही नहीं, पति भी बदल गया। उसका ससुराल में उत्पीड़न किया जाने लगा, जिसके बाद पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली। परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ने पति को अवयस्क पुत्री के भरण पोषण के लिए प्रतिमाह एक लाख रुपये देने के आदेश किए हैं। पिता यह धनराशि याचिका प्रस्तुत करने के दिन नौ जनवरी 2018 से पुत्री के वयस्क होने तक प्रदान करेगा।
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