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जुगेंद्र सिंह यादव गिरफ्तार
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के करीबी जुगेंद्र सिंह यादव के खिलाफ पहला मुकदमा वर्ष 1983 में लिखा गया था। अब तक कुल 86 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। थाना जसरथपुर में मई 1998 में हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। उनके राजनीतिक रसूख के चलते पुलिस 25 साल तक गिरफ्तार नहीं कर सकी।
जनता में था भय तथा आतंक का माहौल
एसएसपी उदय शंकर सिंह ने बताया कि आरोपी जुगेंद्र सिंह यादव निवासी अमृतपुर रघुपुर थाना जसरथपुर हाल निवासी मोहल्ला प्रेम नगर कोतवाली नगर ने संगठित गिरोह बनाया। इसकी जसरथपुर में हिस्ट्रीशीट 21 मई 1998 में खुली थी। आर्थिक लाभ कमाने के लिए सरकारी व गैर सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करते रहे। लोगों को डरा-धमका कर उनकी जमीन को कब्जाना पेशा बना लिया। इनके कृत्यों से जनता में भय तथा आतंक का माहौल था।
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1983 में पहला मुकदमा
जुगेंद्र सिंह के खिलाफ वर्ष 1983 में पहला मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद हत्या, हत्या के प्रयास, चोरी, लूट, गुंडा एक्ट, डकैती, घर में घुसकर मारपीट आदि के अब तक 86 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। वर्तमान में वह चिह्नित भू माफिया है। पुलिस और प्रशासन की ओर से अब तक इनकी तमाम अवैध संपत्तियों को कुर्क किया जा चुका है।
चप्पे-चप्पे पर रही पुलिस
सपा नेता जुगेंद्र सिंह यादव की गिरफ्तारी होने की सूचना जिले भर में फैल गई। इसके बाद तमाम तरह की चर्चाएं चलने लगीं। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने पहले से ही कड़े सुरक्षा के प्रबंध कर लिए। जिले भर के थानों का फोर्स मुख्यालय पर बुला लिया गया। सपा नेता को सबसे पहले कोतवाली नगर लाया गया। यहां से मेडिकल कॉलेज और बाद में अदालत में पेश किया। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात रही। कोतवाली नगर और जेल के बाहर उनके प्रशंसकों ने समर्थन में नारेबाजी की।
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