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लंपी की चपेट में आने से अब तक हजारों मवेशी काल के गाल में समा गए हैं। इस वायरस को लेकर पशु पालक दहशत में हैं। हालांकि सरकारी वैक्सिनेशन कराने में जुटा हुआ है, लेकिन पशु पालक इस बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए अपने तरीके भी अपना रहे हैं। ऐसा ही मामला सामने आया उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले की तहसील जसराना के गांव नगला जाट में, जहां पशुओं को लंपी रोग से बचाने के लिए अनोखी पूजा की गई। पूजा के बाद में प्रसाद भी बांटा गया।
खप्पर में आग लेकर ग्रामीणों ने पूरे गांव में लगाई दौड़
ग्रामीणों ने पहले हवन पूजन किया और बाद में खप्पर में आग लेकर आवाजें करते हुए पूरे गांव में दौड़ते हुए निकले। इस दौरान पूरे गांव के पशुओं को एक ही रास्ते से होकर निकाला गया। ग्रामीणों की मान्यता है इस प्रकार की पूजा करने से पशुओं को रोग नहीं होता है।
जसराना के गांव नगला जाट में मौजूद मंदिर पर गांव के लोग एकत्रित हुए। ग्रामीणों ने पहले मंदिर पर देशी आयुर्वेदिक लोबान, गंधक, सरसों का तेल, रार, गुग्गुल का आग में प्रयोग कर हवन किया।
हवन के बाद उसकी आग को लेकर पूरे गांव में दौड लगाते हुए युवक घूमे। इस दौरान बच्चों एवं युवकों द्वारा शोर भी मचाया गया। इस दौरान गांव के सभी पशुओं को एक ही मार्ग से होते हुए गांव में घुमाया गया।
कार्यक्रम प्रमुख महेंद्र सिंह जाट ने बताया कि लंपी वायरस के साथ ही वर्षा के मौसम में गली-मोहल्लों में पानी से पशुओं में घुरक खुरपका और मुंह पका जैसे विभिन्न रोग पैदा हो जाते हैं। इस पूजा के बाद वे नष्ट हो जाते हैं।
वहीं सत्यवीर सिंह जाट ने कहा कि वर्षों से गांव में यह परंपरा चल रही है। पशुओं को रोग से इस तरीके से बचाया जा सकता है। इस दौरान नेम सिंह जाट, प्रेम सिंह जाट, सुरेश चंद्र, सुरेंद्र सिंह, धर्मेंद्र, कमल सिंह आदि शामिल रहे।
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