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एसटीएफ
– फोटो : अमर उजाला
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एमबीबीएस-बीएएमएस की कॉपियां बदले जाने के तार दो मेडिकल कॉलेज से जुड़ रहे हैं। एसटीएफ की अभी तक की जांच में दो निजी मेडिकल कॉलेज रडार पर हैं। ये कॉलेज फिरोजाबाद और मथुरा जिले के हैं। इनके 40 छात्रों की ही कॉपियां बदली गई थीं, इनको जब्त कर एसटीएफ जांच कर रहा है।
परीक्षा केंद्र से एजेंसी तक कॉपियां पहुंचाने तक इनके बदले जाने का मामले में एसटीएफ जांच कर रही है। बीएएमएस की कॉपियां बदले जाने की जांच करने पर इसमें एमबीबीएस कॉपियां भी बदलने का खेल एसटीएफ ने पकड़ा। इसमें बीएएमएस के 14 और एमबीबीएस के 26 छात्रों की कॉपियां बदली गईं। ये छात्र मथुरा और फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज के हैं। कॉपियां बदलने के रैकेट में कॉलेज स्टाफ भी शामिल है। इसकी एसटीएफ जांच कर रही है और इन छात्रों के संबंधित कॉलेजों से भी रिकॉर्ड जब्त किए।
अभी एसटीएफ ने कॉपियां बदलने वाले रैकेट में टेंपो चालक देवेंद्र, दिल्ली के डॉ. अतुल, छलेसर परिसर स्थित फार्मेसी विभाग का पूर्व छात्र और कर्मचारी शैलेंद्र बघेल, एजेंसी के मूल्यांकन केंद्र के कर्मचारी उमेश, भीकम सिंह और पूर्व कर्मचारी शिव कुमार दिवाकर को पकड़ा है। रैकेट का मुख्य आरोपी छात्र नेता राहुल पाराशर कोर्ट में सरेंडर कर जेल में है। अभी इसमें और भी जुड़े लोगों की गिरफ्तारी होगी।
ये था मामला
इसी वर्ष 27 अगस्त को बीएएमएस की कॉपियां बदलने का मामला पकड़ा था। विश्वविद्यालय कर्मचारी देवेंद्र को केंद्र सेंट जोंस कॉलेज से कॉपियां लेकर छलेसर स्थित एजेंसी के कार्यालय जमा करनी थी, लेकिन रास्ते में ही कॉपियों को मुख्य आरोपी राहुल पाराशर के जरिये बदलवा दिया गया। इसकी जानकारी पर डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के तत्कालीन प्रभारी कुलपति प्रो. विनय पाठक ने थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज करवाया। शुरूआत में बीएएमएस की कॉपियां बदले जाने का मामला था, लेकिन जांच में एसटीएफ ने एमबीबीएस की कॉपियां भी बदले जाने का खेल भी पकड़ में आया।
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