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हिट एंड रन
– फोटो : Demo pic
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उत्तर प्रदेश के आगरा में भारतीय न्याय संहिता-2023 में संशोधन के बाद अब सड़क हादसे में दोषी चालकों के लिए 10 साल की कैद का प्रावधान किया गया है। ट्रांसपोर्ट कारोबार से जुड़े व्यापारियों ने हिट एंड रन मामले में प्रस्तावित कानून में कठोर प्रावधानों पर चिंता जाहिर की है।
ऑल इंडिया मोटर्स ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एएमआईटीसी) के प्रवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने कहा है कि प्रस्तावित कानून में खामियां हैं, जिन पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। उनका कहना है कि कानून में बदलाव से पहले परिवहन से जुड़े प्रतिनिधियों से परामर्श नहीं किया गया है। चालक परिवहन उद्योग की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। परिवहन उद्योग में ड्राइवरों की कमी से जूझ रहा है, जो देश में लगभग 27 फीसदी हैं।
कई हिट-एंड-रन मामलों में, चालक दुर्घटना की जिम्मेदारी से बचने के इरादे से नहीं भागता है। इसके बजाय, वह क्रोधित भीड़ और स्थानीय निवासियों द्वारा उत्पन्न संभावित खतरे से अपनी जान बचाने के लिए भागते हैं। सड़क पर सुरक्षा की कमी उन्हें ऐसे कदम उठाने पर मजबूर करती है। भारी वाहनों पर स्वत: दोष मढ़ने के बजाय दुर्घटनाओं के कारणों की निष्पक्ष जांच न्याय के लिए महत्वपूर्ण है।
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