Wednesday, January 8, 2025
Home Agra Trader Could Not Bear The Shock Of Business Closure Death – Tajmahal: व्यापार बंद होने का सदमा सह न सका व्यापारी, मौत

Trader Could Not Bear The Shock Of Business Closure Death – Tajmahal: व्यापार बंद होने का सदमा सह न सका व्यापारी, मौत

by amitsagar
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– फोटो : फाइल फोटो

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आगरा के ताजगंज की हलवाई गली में प्रदीप अरोरा अपनी पुश्तैनी चंदा पंसारी के नाम से चलाते थे। 500 मीटर के दायरे में व्यापारिक गतिविधियां बंद करने के आदेश के बाद से ही वह तनाव में थे। उन्हें दुकान बंद होने की चिंता सता रही थी। मंगलवार को दुकान पर ही इस मामले की चर्चा के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी। अस्पताल ले जाते वक्त मृत्यु हो गई। परिजनों का कहना है कि व्यापार छिन जाने के डर से वह कई दिनों से तनाव में चल रहे थे, इससे ही उन्हें हृदयाघात हुआ है।

ताजगंज स्थित पाक टोला के रहने वाले प्रदीप अरोरा की हलवाई गली में खद्दर भंडार के पास पंसारी की दुकान है। उनके भाई राम अरोरा ने बताया कि पिता नारायण दास ने तकरीबन 80 साल पहले यह दुकान खोली थी। पिता की उम्र अधिक होने के कारण अब भाई प्रदीप दुकान चला रहे थे। उनके एक बेटा और एक बेटी है। बेटी की जनवरी में शादी होने वाली हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एडीए ने सभी दुकानदारों को नोटिस दिया हैं। इससे भाई प्रदीप परेशान चल रहे थे। उन्हें लग रहा था कि जल्दी ही नोटिस मिल जाएगा तो उन्हें भी अपनी दुकान बंद करनी पड़ जाएगी। फिर परिवार कैसे चलेगा। चार-पांच दिन से काफी तनाव में थे। मंगलवार सुबह 10 बजे वह दुकान पर आए थे। दोपहर में उन्हें सीने में दर्द हुआ था। पड़ोसी दुकानदार अनिल अरोरा पास के क्लीनिक पर ले गए। जहां से उन्हें रेफर कर दिया गया। इस पर नामनेर स्थित अस्पताल पर लेकर आए थे, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। घटना से परिवार में कोहराम मच गया।

कैसे होगी बेटी की शादी

परिवार के लोगों का कहना हैं कि प्रदीप बेटी की शादी को लेकर चिंतित थे। घर में जनवरी में होने वाली शादी की तैयारियां चल रही थीं। दुकानों को हटाने के आदेश के बाद से ही वह परेशान हो गए थे। उनके परिवार का सहारा भी एक दुकान मात्र हैं। प्रदीप की मौत से परिवार पर आर्थिक संकट आ गया हैं। पत्नी मंजू अरोरा और मां विद्या देवी के आंसू नही रुक रहें हैं। उन्हें परिवार के लोग ढांढस बंधा रहे हैं।

घटना को लेकर दुकानदारों में आक्रोश

 व्यापार चले जाने से सदमे में आए प्रदीप अरोरा की मौत के बाद बाजार में दुकानदारों में आक्रोश हैं। उनका कहना है कि उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा हैं। अपनी रोजी रोटी छिन जाने से खतरा सभी तनाव में हैं। परिवार का सहारा एकमात्र दुकान ही होती हैं। और वही चली जाएगी तो परिवार कहां जाएगा। शासन प्रशासन के अधिकारी भी कोई सुनवाई नही कर रहे हैं।

विस्तार

आगरा के ताजगंज की हलवाई गली में प्रदीप अरोरा अपनी पुश्तैनी चंदा पंसारी के नाम से चलाते थे। 500 मीटर के दायरे में व्यापारिक गतिविधियां बंद करने के आदेश के बाद से ही वह तनाव में थे। उन्हें दुकान बंद होने की चिंता सता रही थी। मंगलवार को दुकान पर ही इस मामले की चर्चा के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी। अस्पताल ले जाते वक्त मृत्यु हो गई। परिजनों का कहना है कि व्यापार छिन जाने के डर से वह कई दिनों से तनाव में चल रहे थे, इससे ही उन्हें हृदयाघात हुआ है।

ताजगंज स्थित पाक टोला के रहने वाले प्रदीप अरोरा की हलवाई गली में खद्दर भंडार के पास पंसारी की दुकान है। उनके भाई राम अरोरा ने बताया कि पिता नारायण दास ने तकरीबन 80 साल पहले यह दुकान खोली थी। पिता की उम्र अधिक होने के कारण अब भाई प्रदीप दुकान चला रहे थे। उनके एक बेटा और एक बेटी है। बेटी की जनवरी में शादी होने वाली हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एडीए ने सभी दुकानदारों को नोटिस दिया हैं। इससे भाई प्रदीप परेशान चल रहे थे। उन्हें लग रहा था कि जल्दी ही नोटिस मिल जाएगा तो उन्हें भी अपनी दुकान बंद करनी पड़ जाएगी। फिर परिवार कैसे चलेगा। चार-पांच दिन से काफी तनाव में थे। मंगलवार सुबह 10 बजे वह दुकान पर आए थे। दोपहर में उन्हें सीने में दर्द हुआ था। पड़ोसी दुकानदार अनिल अरोरा पास के क्लीनिक पर ले गए। जहां से उन्हें रेफर कर दिया गया। इस पर नामनेर स्थित अस्पताल पर लेकर आए थे, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। घटना से परिवार में कोहराम मच गया।

कैसे होगी बेटी की शादी

परिवार के लोगों का कहना हैं कि प्रदीप बेटी की शादी को लेकर चिंतित थे। घर में जनवरी में होने वाली शादी की तैयारियां चल रही थीं। दुकानों को हटाने के आदेश के बाद से ही वह परेशान हो गए थे। उनके परिवार का सहारा भी एक दुकान मात्र हैं। प्रदीप की मौत से परिवार पर आर्थिक संकट आ गया हैं। पत्नी मंजू अरोरा और मां विद्या देवी के आंसू नही रुक रहें हैं। उन्हें परिवार के लोग ढांढस बंधा रहे हैं।

घटना को लेकर दुकानदारों में आक्रोश

 व्यापार चले जाने से सदमे में आए प्रदीप अरोरा की मौत के बाद बाजार में दुकानदारों में आक्रोश हैं। उनका कहना है कि उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा हैं। अपनी रोजी रोटी छिन जाने से खतरा सभी तनाव में हैं। परिवार का सहारा एकमात्र दुकान ही होती हैं। और वही चली जाएगी तो परिवार कहां जाएगा। शासन प्रशासन के अधिकारी भी कोई सुनवाई नही कर रहे हैं।



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