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21एमएनपी-18-गांव हुसैनपुर में कौशल कुमार के घर बना शौचालय
– फोटो : MAINPURI
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मैनपुरी। स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव-गांव बनाए शौचालयों में अधिकांश देखरेख के अभाव में बदहाल हो गए हैं। ऐसे में ओडीएफ मिशन फेल हो गया है। क्योंकि शौचालय बदहाल होने के कारण ग्रामीण इनका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले को ओडीएफ करने के लिए शहर से लेकर देहात तक घर-घर शौचालय बनाए हैं। सरकार की ओर से बनाए शौचालयों में अधिकांश शौचालय मौजूदा समय में बदहाल हैं। ऐसे में ग्रामीण आज भी खुले में शौच जा रहे हैं। शौचालय की बदहाली के पीछे लाभार्थी की अनदेखी है। क्योंकि निर्माण के बाद इनके रखरखाव और मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया गया। वहीं कई जगह तो स्थिति यह है कि शौचालयों को ग्रामीणों ने कबाड़ घर बना दिया है, या फिर वहां बकरियां बांधी जा रही हैं।
झाड़ियों से घिरा शौचालय
किशनी ब्लॉक क्षेत्र के गांव हुसैनपुर में वित्तीय वर्ष 2018-19 में लाभार्थी भगवानदास के यहां शौचालय का निर्माण कराया गया था। मौजूदा समय में यह शौचालय इस्तेमाल में नहीं है। शौचालय जहां जर्जर हो गया है, वहीं इस्तेमाल न होने से इसके आसपास झाड़ियां खड़ी हुई हैं।
गांव हुसैनपुर निवासी कौशल कुमार को भी वित्तीय वर्ष 2018-19 में सरकार की तरफ से शौचालय का लाभ मिला था। देखरेख में यह शौचालय भी बदहाल हो गया। मौजूदा का गेट उखड़ा होने के कारण अब परिवार के लोग इसका इस्तेेमाल नहीं करते हैं।
मरम्मत के लिए करें आवेदन
स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष से ही शौचालयों की मरम्मत का भी प्रावधान किया है। लाभार्थी अपने शौचालय की मरम्मत के लिए स्वच्छ भारत मिशन की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। साथ ही सचिव और प्रधान की भी आवेदन करने में मदद ली जा सकती है। आवेदन स्वीकृत होने पर शौचालय की मरम्मत का कार्य कराया जाएगा।
शासन ने शौचालयों की मरम्मत का प्रावधान किया है। लाभार्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
– विनोद कुमार, सीडीओ।
मैनपुरी। स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव-गांव बनाए शौचालयों में अधिकांश देखरेख के अभाव में बदहाल हो गए हैं। ऐसे में ओडीएफ मिशन फेल हो गया है। क्योंकि शौचालय बदहाल होने के कारण ग्रामीण इनका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले को ओडीएफ करने के लिए शहर से लेकर देहात तक घर-घर शौचालय बनाए हैं। सरकार की ओर से बनाए शौचालयों में अधिकांश शौचालय मौजूदा समय में बदहाल हैं। ऐसे में ग्रामीण आज भी खुले में शौच जा रहे हैं। शौचालय की बदहाली के पीछे लाभार्थी की अनदेखी है। क्योंकि निर्माण के बाद इनके रखरखाव और मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया गया। वहीं कई जगह तो स्थिति यह है कि शौचालयों को ग्रामीणों ने कबाड़ घर बना दिया है, या फिर वहां बकरियां बांधी जा रही हैं।
झाड़ियों से घिरा शौचालय
किशनी ब्लॉक क्षेत्र के गांव हुसैनपुर में वित्तीय वर्ष 2018-19 में लाभार्थी भगवानदास के यहां शौचालय का निर्माण कराया गया था। मौजूदा समय में यह शौचालय इस्तेमाल में नहीं है। शौचालय जहां जर्जर हो गया है, वहीं इस्तेमाल न होने से इसके आसपास झाड़ियां खड़ी हुई हैं।
गांव हुसैनपुर निवासी कौशल कुमार को भी वित्तीय वर्ष 2018-19 में सरकार की तरफ से शौचालय का लाभ मिला था। देखरेख में यह शौचालय भी बदहाल हो गया। मौजूदा का गेट उखड़ा होने के कारण अब परिवार के लोग इसका इस्तेेमाल नहीं करते हैं।
मरम्मत के लिए करें आवेदन
स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष से ही शौचालयों की मरम्मत का भी प्रावधान किया है। लाभार्थी अपने शौचालय की मरम्मत के लिए स्वच्छ भारत मिशन की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। साथ ही सचिव और प्रधान की भी आवेदन करने में मदद ली जा सकती है। आवेदन स्वीकृत होने पर शौचालय की मरम्मत का कार्य कराया जाएगा।
शासन ने शौचालयों की मरम्मत का प्रावधान किया है। लाभार्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
– विनोद कुमार, सीडीओ।
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