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ताजगंज क्षेत्र
– फोटो : अमर उजाला
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ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में व्यावसायिक गतिविधियां बंद करने के लिए आगरा विकास प्राधिकरण की ओर से जारी नोटिसों के विरुद्ध ताजगंज के प्रभावित व्यापारियों की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सोमवार को सुनवाई के लिए याचिका दर्ज हो गई। इसके साथ ही ताज पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की 71 दुकानों को लेकर दायर याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर सकता है।
ताज पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की एक याचिका पर 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आगरा विकास प्राधिकरण को ताजमहल की दीवार से 500 मीटर के दायरे में सभी व्यापारिक गतिविधियां बंद करने के आदेश दिए थे। जिसके अनुपालन के लिए एडीए ने व्यापार बंद करने के व्यापारियों को नोटिस जारी किए। नोटिसों के विरोध में ताजगंज वेलफेयर फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता संदीप अरोरा ने बताया कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच सुनवाई करेगी। इसमें एडीए के अलावा राज्य सरकार को पक्षकार बनाया है। आजीविका का सवाल है।
वहीं दूसरी याचिका ताज पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की तरफ से दायर है। उसे भी प्रभावित व्यापारियों की याचिका के साथ सुना जाएगा। याचिकाकर्ता अमर सिंह ने बताया कि एडीए ने 21 साल पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 71 दुकानदारों को ताजमहल के पश्चिमी गेट से हटाया था। एडीए को उनकी दुकानों व सुविधाओं की व्यवस्था करनी थी, लेकिन एडीए ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। एडीए अधिकारी खुद प्रतिबंधित परिधि में व्यावसायिक गतिविधियों को संरक्षण देते रहे।
कारखासों ने खाई अवैध दुकानों की कमाई
आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों व इंजीनियरों के कारखासों ने ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में बिना सुप्रीम कोर्ट की अनुमति अवैध निर्माण कराए। नीम तिराहा, अमरूद का टीला और पार्किंग के पास कैंटीन खुलवाई। पेठा स्टोर व अन्य अवैध दुकानें लगवाईं। बदले में खूब ‘सेवा’ कराई। सुप्रीम कोर्ट ने जब समानता के अधिकार के तहत सभी व्यावसायिक गतिविधियां बंद करने के आदेश दिए। अब एडीए को कार्रवाई का डर सता रहा है।
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