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संवाद न्यूज एजेंसी, कासगंज
Updated Sat, 30 Dec 2023 12:16 PM IST
गोशाला
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
कासगंज जिले में निराश्रित गोवंश किसानों और आमजन के लिए एक बड़ी समस्या बने हुए हैं। वे फसलों को नुकसान पहुंचा कर उन्हें बर्बाद रहे हैं। वहीं आए दिन आम लोग उनके हमलों का शिकार बनते हैं। बीते कई वर्षों से इस समस्या से जूझ रहे लोगों को जल्द छुटकारा मिलेगा। जिले में अब निराश्रित गोवंशों को आश्रय देने के लिए गोशालाओं का निर्माण शुरू कर दिया गया है। इनके बनने के बाद निराश्रित गोवंश को आश्रय मिलेगा, वहीं किसान व आम लोग भी राहत महसूस करेंगे। तीन अलग-अलग स्थानों पर बन रही इन गोशालाओं के निर्माण पर करीब 4.80 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
जिले में करीब चार हजार से अधिक निराश्रित गोवंश इधर-उधर, सड़कों, खेतों व गंगा की कटरी के इलाके में विचरण कर रहे हैं। गोवंशों के झुंड जहां-तहां देखे जा सकते हैं। इनके द्वारा फसलें नष्ट की जा रही हैं। अगस्त माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनपद में आगमन के के दौरान बरौना में तमाम ग्रामीण निराश्रित गोवंशों के द्वारा की जा रही फसलों की बर्बादी की समस्या लेकर पहुंचे थे। जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ज्ञापन भेजे गए। जिला प्रशासन के समक्ष भी कई बार समस्याएं रखी गईं। जिला प्रशासन ने अब चार गोशालाओं के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की।
रायो गांव में एक गोशाला का निर्माण पूरा किया जा चुका है। तीन गोशालाओं का निर्माण अलग-अलग स्थानों पर प्रस्तावित है। एक गोशाला मुनव्वरपुर गढि़या में, एक गोशाला सरसईनरू अमांपुर में बनाई जा रही है। एक अन्य गोशाला गंजडुंडवारा के नादरमई में बनाई जा रही है। प्रत्येक गोशाला का निर्माण एक करोड़ 60 लाख रुपये की लागत से होगा। इस तरह से तीनों गोशालाओं के निर्माण पर चार करोड़ 80 लाख रुपये खर्च होंगे। निर्माणाधीन गोशालाओं में करीब डेढ़ हजार निराश्रित पशु संरक्षित किए जा सकेंगे।
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