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डेंगू बुखार के मामले
– फोटो : istock
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मैनपुरी में पिछले 24 घंटे में अलग-अलग क्षेत्रों में बुखार से पीड़ित ढाई माह के बच्चे सहित तीन मरीजों की मौत हो गई। जबकि चार अन्य मरीजों को जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज सैफई के लिए रेफर किया गया है। बृहस्पतिवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में बुखार से पीड़ित मरीजों की भीड़ देखी गई। कोतवाली थाना क्षेत्र में राठी मिल निवासी 75 वर्षीय शेर सिंह को पिछले कुछ दिनों से बुखार आ रहा था। परिजन ने बुधवार को उन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां बुधवार रात को ही शेर सिंह की मौत हो गई।
भोगांव थाना क्षेत्र के गांव उद्दमपुर निवासी दिलीप कुमार के ढाई माह के पुत्र शुशांत को पिछले कुछ दिनों से बुखार आ रहा था। परिजन उसका एक निजी डॉक्टर के यहां उपचार करा रहे थे। हालत बिगड़ने पर परिजन बुधवार की रात शुशांत को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बिछवां थाना क्षेत्र के गांव सुल्तानगंज निवासी अजय कुमार की 17 वर्षीय पुत्री शिखा को पिछले कुछ दिनों से बुखार आ रहा था। परिजन उसका एक निजी डॉक्टर के यहां उपचार करा रहे थे। हालत बिगड़ने पर परिजन बुधवार की रात उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
ओपीडी में पहुंच 756 मरीज
बृहस्पतिवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की भीड़ रही। ओपीडी में 756 मरीज पहुंचे। इनमें 200 से अधिक मरीज बुखार की चपेट में थे। बाल रोग विशेषज्ञ और फिजीशियन कक्ष में मरीजों की भीड़ देखी गई। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके शाक्य का कहना था कि पिछले कुछ दिनों से बच्चे सर्दी जुकाम के साथ निमोनिया और बुखार की चपेट में आ रहे हैं।
बुखार आने पर ना करें लापरवाही
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. जेजे राम का कहना है कि बुखार के मरीजों को यदि समय से उपचार दिया जाए तो उनकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि बुखार आने पर किसी प्रकार की लापरवाही ना की जाए। मरीजों को तुरंत उपचार दिलाया जाए। खास कर बच्चों को सर्दी से बचाव रखा जाए जरा भी दिक्कत होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर से उपचार दिलाएं।
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