Friday, January 10, 2025
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The Water Level Has Dropped In The Yamuna But The Trouble Remains

by amitsagar
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यमुना में जलस्तर तो गिरा है पर मुसीबत बरकरार है


By: Inextlive | Updated Date: Thu, 20 Jul 2023 01:36:22 (IST)




रौद्र रूप दिखाने के बाद अब यमुना शांत होने लगी है. बुधवार को यमुना के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई. सुबह 9 बजे यमुना का जलस्तर मीडियम फ्लड लेवल से नीचे दर्ज किया गया. इसके बाद से नदी के स्तर में गिरावट जारी है. वहीं, यमुना का पानी अभी भी गांव और यमुना के निचले इलाकों में भरा हुआ है. इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

आगरा(ब्यूरो)। मंगलवार को यमुना का जलस्तर 499.3 फीट पहुंच गया था। ये वर्ष 2010 में नदी के 499.60 फीट से कुछ ही कम रह गया था। इससे शहर के निचले इलाके समेत यमुना से सटे एरियाज में बाढ़ आ गई थी। यमुना किनारे बसे कैलाश गांव, नगला बिहारी, सहित करीब 21 गांव में पानी भर गया था। कई लोग बाढ़ में फंस गए थे, जिन्हें एनडीआरएफ के जवानों ने सुरक्षित निकाला था।

धीरे-धीरे घट रहा जलस्तर
यमुना का उफान देख जिनकी नींद उड़ी हुई थी, बुधवार सुबह उनके लिए राहत लेकर आई। यमुना का पानी धीरे-धीरे घट रहा है। मथुरा के गोकुल बैराज से पानी का डिस्चार्ज भी घट रहा है। ऐसे में आने वाले समय में यमुना के जलस्तर में और कमी आ सकती है।

घाटों पर टीमें अब भी अलर्ट
यमुना के जलस्तर में भले ही गिरावट जारी हो लेकिन प्रशासन और रेस्क्यू टीमें अब भी अलर्ट हैं। यमुना का जलस्तर अभी भी मीडियम फ्लड लेवल के पास है। जब तक यमुना लो फ्लड लेवल से नीचे नहीं पहुंचेगी तब तक पूरी तरह से खतरा कम नहीं होगा। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें घाटों पर तैनात हैं।

पंङ्क्षपग स्टेशन ठप, नाले बने मुसीबत
आगरा: यमुना के खतरे के निशान पर पहुंचने के बाद से पंङ्क्षपग स्टेशन ठप हैं। नालों में चार दिन से गंदा पानी भरा हुआ है। नाले के सहारे रह रहे लोग दुर्गंध से परेशान हैं। इन क्षेत्रों में बीमारी फैलने का खतरा है। भैरों नाला पंङ्क्षपग स्टेशन चार दिन से बंद है। सीवर का गंदा पानी भरा हुआ है। वहीं, भैरो नाला भी बैक मारने लगा है। शहर के गंदे पानी की निकासी नहीं हो रही है। नाले के किनारे रह रहे लोग दुर्गंध से परेशान हैं। मनोहरपुर पंङ्क्षपग स्टेशन भी ठप है, यहां भी संप वेल पानी में डूब गया है। रजवाड़ा में नाले के बैक मारने से आधा दर्जन मकानों के सामने गंदा पानी भर गया है। मंटोला नाला, मनोहरपुर नाला, नगला बूढ़ी, बल्केश्वर और दयालबाग समेत 70 नालों में चार दिन से गंदा पानी भरा है। नालों में पानी लगातार बढ़ रहा है। वहीं, यमुना के जलस्तर में कमी आने पर रजवाड़ा पंङ्क्षपग स्टेशन, बल्केश्वर पंङ्क्षपग स्टेशन कुछ देर के लिए चलाया गया। अभी यमुना के जलस्तर में दो फीट की गिरावट आने पर पंङ्क्षपग स्टेशन चल पाएंगे। उधर, नालों में गंदा पानी भरा हुआ है। इससे उल्टी दस्त के साथ ही पेट संबंधी बीमारियां फैलने का खतरा है। मच्छर भी पनप रहे हैं, मलेरिया समेत वायरल संक्रमण फैल सकता है। वबाग के प्रोजेक्ट मैनेजर अनुज त्रिपाठी ने बताया कि यमुना के जलस्तर में कमी आने पर चार पंङ्क्षपग स्टेशन चालू हो गए हैं, भैरों नाला और मनोहरपुर पंङ्क्षपग स्टेशन बंद हैं।

हेरिटेज कॉरिडोर की हरियाली ले जाएगी बाढ़
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ताज हेरिटेज कॉरिडोर पर विकसित की गई हरियाली पर यमुना की बाढ़ ने पानी फेर दिया है। यहां सिल्ट व पानी के जमाव से घास सड़ जाएगी। एएसआई ने रेत पर अथक प्रयासों से यहां घास लगाई थी। अब यहां दोबारा नए सिरे से घास लगानी होगी।

घास होगी प्रभावित
सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2006 में ताजमहल और आगरा किला के बीच स्थित ताज हेरिटेज कारिडोर पर हरियाली विकसित करने के निर्देश एएसआई को दिए थे। भूमि चिह्नित करने की प्रक्रिया में विलंब के चलते एएसआई यहां वर्ष 2019 में हरियाली विकसित करने का काम शुरू कर सका। 20 एकड़ के क्षेत्र में से सात-आठ एकड़ में घास व हेज लगा ली गई थी। यहां रेत की अधिकता की वजह से काम आसान नहीं था। अब यमुना का पानी आने और नाले के बैक मारने से घास व हेज पानी में डूब गई है। हेज तो बाढ़ के दुष्प्रभाव से बच जाएगी, लेकिन घास पर बुरा असर पड़ेगा। पानी व सिल्ट के जमाव से उसके सडऩे की आशंका एएसआई के अधिकारियों को है। कुछ यही स्थिति मेहताब बाग के उद्यान की हुई है। यहां भी सेंट्रल टैंक तक यमुना के पानी के साथ सिल्ट पहुंची है। यहां छोटे पौधों के साथ घास खराब होगी। मेहताब बाग पर्यटकों के लिए बंद है।

एत्माद्दौला की कोठरियों में साढ़े चार फीट तक पानी
एत्माद्दौला की यमुना किनारा स्थित कोठरियों में यमुना के जल स्तर में गिरावट आने पर भी साढ़े चार फीट से अधिक ऊंचाई तक पानी भरा हुआ है। रामबाग की उत्तरी दिशा में बनी सराय व गेटवे में पानी भरा है। रामबाग की सीढिय़ों में पानी है। जसवंत ङ्क्षसह की छतरी में पानी भरा हुआ है। दशहरा घाट अभी जलमग्न है। पुलिस ने रास्ते पर बैरियर लगा रखे हैं। ताजमहल, मेहताब बाग, रामबाग, बाग खान-ए-आलम, हवेली खान-ए-दुर्रां, ग्यारह सीढ़ी से यमुना सटकर बह रही है।

ताज हेरिटेज कॉरिडोर पर रेत के चलते हरियाली विकसित करना चुनौतीपूर्ण काम था। कॉरिडोर और मेहताब बाग से यमुना का पानी उतरने में तीन से चार दिन लगेंगे। इससे दोनों जगह घास खराब हो जाएगी।
डॉ। राजकुमार पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद्

डीएम-कमिश्नर ने किया निरीक्षण
कमिश्नर अमित गुप्ता व डीएम नवनीत सिंह चहल ने ताजमहल और यमुना किनारे नदी के स्तर का जायजा लिया। कमिश्नर ने जहां जलभराव है वहां पंप लगाकर पानी निकासी सुनिश्चित करने, प्रभावित क्षेत्रों में दवा व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने तथा समुचित साफ सफाई एवं शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस दौरान डीएम नवनीत सिंह चहल, नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल आदि मौजूद रहे।

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