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खंदौली थाना, आगरा
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के खंदौली थाने में अर्धसैन्य बल के जवान की पत्नी को कुचलने वाला ट्रैक्टर ही नहीं बदला गया बल्कि हादसा करने वाले चालक को भी बिना जमानत के थाने से छोड़ दिया गया था। उससे मुचलका तक भी नहीं भरवाया गया। इसमें जीडी मुंशी ने गड़बड़ी की थी। अब पुलिस हादसा करने वाले ट्रैक्टर की बरामदगी के प्रयास कर रही है।
खंदौली में 9 मार्च को हुए हादसे में आईटीबीपी के जवान सूरज कुमार की गर्भवती पत्नी आरती की मौत हुई थी। भीड़ ने मौके से सिल्वर रंग के आयशर ट्रैक्टर और आरोपी चालक फरीद को पकड़कर पुलिस के सुपुर्द किया था। चालक फरीद को थाने लाया मगर वह 12 मार्च तक थाने में बैठा रहा। लेकिन उसकी जीडी में एंट्री नहीं की गई। 11 मार्च को सड़क हादसे के मुकदमे के बाद चालक को थाने से जमानत देकर छोड़ा जाना चाहिए था। आरोपी चालक को 41 ए का नोटिस तामील कराकर छोड़ दिया गया। पुलिस रिकार्ड में उसके हिरासत में लेने की बात दर्ज नहीं है।
अब ट्रैक्टर बदले जाने के बाद मुकदमे की विवेचना लटक गई है। ट्रैक्टर का टेक्नीकल मुआयना होना है। खंदौली पुलिस पर ट्रैक्टर बरामदगी का दबाव है। आरोपी पक्ष यह बताने को तैयार नहीं है कि ट्रैक्टर कहां गया। पुलिस उनसे ट्रैक्टर लाने का दबाव डाल रही है। सवाल यह है कि हादसे के बाद लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों को क्यों नहीं हटाया जा रहा है। चुनाव आयोग की अनुमति के बाद इन्हें हटाया जा सकता है।
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