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The Only Cafe In Agra Where You Can Order With Gestures And Express Your Feelings.

by amitsagar
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Special news : आगरा का एकमात्र ऐसा कैफे जहां इशारों दें ऑर्डर और कह दें अपने दिल की बात 



By: Inextlive | Updated Date: Sat, 13 Jan 2024 02:34:54 (IST)




इशारों -इशारों में दिल लेने वाले …बता ये हुनर तूने सीखा कहां है… यह गाना आपने खूब सुना और गुनगुनाया होगा. लेकिन क्या आपको पता है आगरा में एक कैफे ऐसा भी है जहां आप इशारों में ही खाने का ऑर्डर देकर अपने दिल की बात अपने लवर और फेमिली मेंबर से कह सकते हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं फतेहाबाद रोड स्थित बीएम कैफे की. जिसमें स्टाफ साइन लैंग्वेज में बात करता है और ऑर्डर लेता है.

आगरा(ब्यूरो)। शहर के फतेहाबाद रोड, टीडीआई मॉल में बीएम कैफे है, जिसमें फूड सर्व करने वाला स्टाफ सुन और बोल नहीं सकता है। ये इंडियन साइन लैंग्वेज में बात करते हैं। ये शहर का एक अनोखा ऐसा कैफे है, जहां सिर्फ इशारा करके फूड ऑर्डर किया जा सकता है। इस कैफे का संचालन तविश वशिष्ट करते हैं, जो मैकेनिकल एंड बिजनेस एनालिसिस से इंजीनियर हैं। उन्होंने मुकबधिर के लिए इस कैफे को खोलने के लिए लाखों रुपए के पैकेज पर लगी जॉब को छोड़ दिया।

बिना बोले कह सकते हैं दिल की बात
भाषा एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को व्यक्त कर सकते हैं, लेकिन कई बार ऐसी भी बातें होती हैं जो बोलने की जरूरत नहीं होती, केवल इशारों से ही बात कह दी जाती है। यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आगरा का एक इकलौता ऐसा कैफे है, जहां पर काम करने वाले सभी स्टाफ बोल और सुन नहीं सकते। यहां आने वाले ग्राहकों को इशारों में ही अपने ऑर्डर देने होते हैं।

स्पेशल लोगों को जॉब देने का प्लान
फतेहाबाद रोड स्थित टीडीआई मॉल में ब्रेड एन माइम कैफे है, जिसमें फूड सर्व करने वाला स्टाफ बोल और सुन नहीं सकता। ये इंडियन साइन लैंग्वेज में बात करते हैं और इस आइडिया के पीछे तविश वशिष्ट की यूनिक सोच है, जो खुद को सामान्य से अलग बताते हंै। उन्होंने चेन्नई के एक कॉलेज से बीटेक किया है। वह पेशे से इंजीनियर हैं। कुछ दिनों तक उन्होंने मुंबई में काम किया। शुरू से ही उन्हें कैफे खोलने का प्लान बनाया था। इसके लिए उन्होंने कुछ समय के लिए एक कैफे में काम किया। एक दिन उस कैफे में ऐसे लोग काम मांगने के लिए आए जो बोल और सुन नहीं सकते थे। उन्हें वहां काम नहीं दिया गया। इस घटना से तविश को प्रेरणा मिली और उन्होंने एक ऐसे रेस्टोरेंट को खोलने का प्लान तैयार किया, जहां स्पेशल लोगों को जॉब दी जा सके।

सोशल मीडिया से सीखी साइन लैंग्वेज
तविश वशिष्ट बताते हैं कि उन्हें शुरुआत में थोड़ी बहुत समस्या सामने आई, क्योंकि उन्हें साइन लैंग्वज नहीं आती थी। ये तविश के सामने एक चुनौती थी, तब उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए इंडियन साइन लैंग्वेज जानी। उसके बाद स्टाफ से भी लैंग्वेज सीखने को मिली, फिर सब आसान हो गया। यहां आने वाले कस्टमर को भी कोई समस्या नहीं होती है, क्योंकि उन्होंने अपना सिस्टम इस तरह से डिजाइन किया है, जो सभी के लिए हेल्पफुल है।

कुछ इस तरह चलता है कैफे का सिस्टम
बीएम कैफे में आने वाले लोगों को नहीं पता होता है कि स्टाफ बोल और सुन नहीं सकता। ऐसे में एक प्रोसेस के अंतर्गत कस्टमर को खाना सर्व किया जाता है। सबसे पहले कस्टमर टेबल पर आकर बैठता है और एक स्विच ऑन करता है। स्विच ऑन करते ही रिसेप्शन पर एक बल्ब जलता है। जैसे ही बल्ब जलता है तो पता चल जाता है कि कोई नया कस्टमर टेबल पर आया है। कस्टमर के आगे मैन्यू कार्ड होता है। उस मैन्यू के आधार पर एक पेपर पर लिख कर आप अपना ऑर्डर दे सकते हैं। इसके साथ ही बहुत सारे इंग्लिश में साइन भी बीएम कैफे की दीवार पर लिखे हुए हैं जिन्हें आप दिखाकर कुछ भी मंगवा सकते हैं।

समर्पित भाव से करते हैं काम
ये लोग भले ही बचपन से बोल और सुन नहीं सकते हैं, लेकिन अपने काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहते हैं। तविश बताते हैं कि ये लोग भले बोल और सुन नहीं सकते लेकिन एक नॉर्मल आदमी से भी अच्छा काम करते हैं। कैफे में आने वाले लोग भी उनकी तारीफ करते हंै। कस्टमर का मानना है कि स्टाफ से मिलने के बाद उन्हें बेहद बेहतर फील होता है।

ऐसे लोगों को अपने यहां भी दें काम
इंजीनियर तविश वशिष्ट बताते हैं कि दुनिया में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो बचपन से किसी वजह से बोल और सुन नहीं सकते हैं। ऐसे ज्यादातर लोगों को कोई काम नहीं देता है। तविश का मानना है कि लोगों को आगे आना चाहिए और ऐसे लोगों को भी अपने यहां काम देना चाहिए। जिसकी वजह से इनका भी परिवार चल सके। भविष्य में वे अपनी दूसरी ब्रांच खोलने जा रहे हैं और इन ब्रांच पर भी ऐसा ही स्टाफ रखेंगे।

कैफे में मिलता है
वैसे तो बहुत सारे आइटम और फास्ट फूड कैफे पर उपलब्ध हैं लेकिन इनमें से चॉकलेट बम कुछ खास है। इसको टेस्ट करने के लिए देशी-विदेशी लोग कैफे आते हैं। शहर के लोगों के बीच भी खासी टेस्ट की डिमांड है।

पाव भाजी-125
चीजी ऑमलेट -125
कॉफी-125 (स्पेशल)
उपमा-110
चॉकलेट बम -299

मैने मैकेनिकल एंड बिजनेस एनालिसिस से इंजीनियर किया है, मेरा प्रमोशन जापान में किया गया था, छह लाख रुपए पर एनम सैलरी के लिए था, लेकिन कुछ अलग करना और फैमिली के साथ रहकर, तक कैफे खोलने का डिसाइड किया, इससे मानसिक संतुष्टि मिलती है। और स्पेशल लोगों को जॉब।
-तविश वशिष्ट, बीएम कैफे संचालक

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