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जब तक जिलाधिकारी के इस बात की खबर लगी, तब तक मुखाग्नि दी जा चुकी थी, जिसके बाद डीएम ने पुलिस अधिकारियों से वार्ता की और गारद बुलवाकर विद्युत शवदाह भट्टी के सामने गार्ड ऑफ ऑनर की रस्म अदा कराई।
पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं मिलने पर कई लोगों ने आपत्ति जताते हुए इसे लापरवाही बताया था। पूर्ण राजकीय सम्मान की व्यवस्थाएं तहसीलदार रजनीश वाजपेयी को करनी थीं। वह दिवंगत सेनानी के घर से लेकर शवदाह गृह तक मौजूद रहे थे।
एक दिन बाद सोमवार डीएम प्रभु एन सिंह ने तहसीलदार को सदर तहसील से हटा दिया है। उन्हें किरावली भेजा गया है। उनकी जगह फतेहाबाद से तहसीलदार न्यायिक आशीष त्रिपाठी को सदर में तहसीलदार पद पर भेजा है।
किरावली के तहसीलदार नीरज शर्मा को किरावली में ही तहसीलदार न्यायिक पद पर तैनात किया है। हालांकि डीएम के आदेश में स्थानांतरण की वजह प्रशासनिक कार्यहित बताया है। संबंधित अधिकारियों को तत्काल अपना कार्यभार हस्तांरित करने व नई तैनाती स्थल की योगदान आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
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