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इधर पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह की ओर से कुछ राहत की उम्मीद जगी है। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने पर्यटन मंत्री से मुलाकात करके ताजगंज प्रकरण की जानकारी दी। इस पर मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह मोहलत बढ़वाने के लिए प्रमुख सचिव से बात करेंगे। समाधान तलाशेंगे। ताजगंज डेवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष नितिन कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को कोर्ट के लिए रिट तैयार कर ली गई है। सोमवार को रिट दायर करने की कोशिश करेंगे।
भगवान ही मालिक है
60 वर्षीय दुकानदार निरंजन लाल ने बताया कि परबाबा ने दुकान शुरू की थी। 1984 में जब यहां पर टिकट विंडो बनाई गई थी, तभी से यहां पर दुकान हैं। दुकान बंद होगी तो क्या करेंगे। अब तो भगवान ही मालिक है।
दस लोगों का परिवार है आश्रित
व्यापारी घनश्याम ने बताया कि परबाबा छिंगा बाबा ने यहां पर दुकान खोली थी। 8 से 10 लोगों का परिवार इसी दुकान पर आश्रित है। उनकी दुकान पर काम करने वाले जितेंद्र सिंह ने भी चिंता जताई। बोले कि पिछले 45 सालों से यहां काम कर रहे हैं। अगर दुकान बंद होती है वह कहां पर नौकरी के लिए जाएंगे। पीड़ा को सुनने वाला कोई नहीं है।
जमीन हमारी…सभी दस्तावेज हैं
आयुष गुप्ता का कहना है कि कारोबारियों में उनकी चौथी पीढ़ी है। उनके परबाबा क्रांतिकारी वासुदेव गुप्ता ने यहां पर कारोबार डाला था। हमारे पास सभी दस्तावेज मौजूद हैं। जमीन हमारी है, फिर भी हमसे खाली करवाई जा रही है।
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