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यमुना किनारे संगमरमर की रेलिंग हटाकर बनाते थे सीढ़ियां
एएसआई के रिटायर्ड वरिष्ठ संरक्षण सहायक डॉ. आरके दीक्षित बताते हैं कि शरद पूर्णिमा पर चमकी मेला में लाखों लोग पूरी रात ताज में उमड़ते थे, जिनके नियंत्रण और प्रबंधन के लिए यमुना किनारे संगमरमर की रेलिंग हटाकर मुख्य गुंबद पर अस्थाई सीढ़ियां बनाई जाती थीं। 12 फुट लंबे लकड़ी के स्लीपर फ्रीगंज से आते थे। मेहमान खाने और मस्जिद की ओर अस्थायी सीढ़ियां बनाते थे, जहां से लोग नीचे उतरते थे। तब फोरकोर्ट में अस्थायी दुकानें लगाई जाती थी, जिसमें रात भर लोग आगरा के खानपान का लुत्फ उठाते थे।
100 से ज्यादा अतिरिक्त स्टाफ की लगती थी ड्यूटी
एएसआई के रिटायर्ड इंजीनियर और ताज पर तैनात रहे एमसी शर्मा के मुताबिक चमकी मेले के लिए ताज के 150 से ज्यादा स्टाफ के अतिरिक्त आगरा किला, सिकंदरा, एत्माउद्दौला, फतेहपुर सीकरी से एएसआई के 100 से ज्यादा स्टाफ को बुलाया जाता। ये सभी 100 पेट्रोमेक्स लेकर ताज के अंदर बैठते थे, जिससे रोशनी हो सके। रॉयल गेट की टिकट खिड़की की जगह 10 टिकट काउंटर फोरकोर्ट में बनाए जाते थे। बैरिकेडिंग लगाकर पूरे ताज परिसर में वनवे रहता था। एक ओर से प्रवेश और दूसरी ओर से निकास के कारण कभी कोई हादसा नहीं हुआ। दशहरा घाट रोड से ताजगंज तक दोनों ओर मिठाइयों और खाने पीने की दुकानें लगी रहती थीं।
आज से मिलना शुरू हुए टिकट
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के 22 माल रोड कार्यालय से आज सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ताजमहल रात्रि दर्शन के टिकट खरीदे जा सकते हैं। एएसआई अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि रात्रि दर्शन का टिकट ऑनलाइन नहीं है, ऑफिस के काउंटर पर आकर ही टिकट मिल सकेगा। जिस रात ताज देखना है, उसकी एक दिन पहले ही टिकट की बुकिंग होगी।
इन चीजों पर रहेगी प्रवेश पर रोक
ताजमहल के रात्रि दर्शन में पर्यटक ताजमहल के अंदर कई वस्तुएं नहीं ले जा सक ते। इनमें खाने का सामान, खिलौने, हथियार, माचिस, गुटखा, बैनर, फूल, माइक, हेडफोन, ज्वलनशील पदार्थ, नुकीली चीजें, टूल किट, शराब, टॉर्च, हेलमेट, बड़े बैग, ब्रीफकेस, मैट आदि नहीं ले जाई जा सकतीं।
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