[ad_1]
ताजमहल की जर्जर रैलिंग पर बैठे पर्यटक।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
ताजमहल की मुख्य गुंबद की रेलिंग कमजोर है। फिर भी पर्यटक जान हथेली पर रखकर फोटो व सेल्फी के लिए खुद को खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे में सफेद संगमरमर से बनी रेलिंग व छज्जा टूट सकता है। रेलिंग से सेल्फी लेते समय एक पर्यटक की गिरने से मौत हो चुकी है।
ताजमहल देखने के लिए रोज औसतन 20 से 25 हजार पर्यटक आते हैं, जिनमें 10 फीसदी ही मुख्य गुंबद तक जाते हैं। मुख्य गुंबद में मुमताज और शाहजहां की कब्र हैं। इसके लिए अलग से 200 रुपये का टिकट लेना पड़ता है। मुख्य गुंबद के चारों तरफ पत्थर की रेलिंग है। करीब 375 साल पुराने यह पत्थर अब कमजोर हो गए हैं। पत्थर न टूटे और पर्यटक किसी हादसे का शिकार न हो जाएं इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने पत्थर की रेलिंग के आगे दोहरी बेरीकेडिंग कराई है। पहली बेरीकेडिंग स्टील पाइपों से की गई है, जबकि दूसरी लकड़ी की है।
मुख्य गुंबद पर एएसआई और सीआईएसएफ कर्मियों की लापरवाही से यमुना नदी की तरफ बेरीकेडिंग के अंदर घुस जाते हैं। रेलिंग पर बैठकर फोटो और सेल्फी खिंचा रहे हैं। एएसआई कर्मियों और सीआईएसएफ जवान रोकटोक भी नहीं करते हैं, जिसके कारण हादसा हो सकता है। 2015 में सेल्फी लेते समय एक जापानी पर्यटक की मौत हो चुकी है।
ये भी पढ़ें – यात्रियों को राहत: रेलवे ने छह ट्रेनों में बढ़ाए 11 डिब्बे, इस गाड़ी में एक थर्ड ऐसी कोच बढ़ाया
लगाई है दोहरी रेलिंग
एएसआई अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल ने बताया कि रेलिंग व छज्जा दोनों संरक्षित हैं। दोहरी बेरीकेडिंग लगी है। वीकेंड पर पर्यटक अधिक हो जाते हैं। सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं। फिर भी दोबारा समीक्षा कर ली जाएगी।
[ad_2]
Source link