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पीड़ित परिवार
– फोटो : अमर उजाला
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बैनारा फैक्टरी के पास जमीन पर कब्जा कराने की साजिश में पुलिस के साथ आबकारी टीम की भूमिका भी संदिग्ध है। एसआईटी जांच में आबकारी निरीक्षक त्रिभुवन सिंह, बोदला चौकी प्रभारी अनुज फोगाट सहित आठ पुलिसकर्मियों की गर्दन फंस सकती है।
पहला मुकदमा पुलिस ने एनडीपीएस की धारा में दर्ज कराया, जबकि आरोपी कुल्फी विक्रेता था। उसे जेल भेजने के दो माह बाद परिवार की महिलाओें को आबकारी निरीक्षक त्रिभुवन सिंह ने 9 अक्तूबर को अवैध शराब में जेल भेजा। त्रिभुवन सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। महिलाओं के पास 31 बोतल अंग्रेजी शराब, ढक्कन व अन्य बरामदगी दिखाई। पुलिस की जांच में दोनों मुकदमे संदिग्ध हैं। एसआईटी जांच में आबकारी निरीक्षक के मुकदमे की कलई खुल सकती है।
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पुलिस सूत्रों का कहना है कि आबकारी निरीक्षक त्रिभुवन सिंह, प्रधान कांस्टेबल अजीत सिंह, आबकारी कांस्टेबल जितेंद्र, राहुल कुमार व महिला आरक्षी डौली और रचना पांडे की भूमिका संदिग्ध है। बोदला चौकी प्रभारी अनुज फोगाट के साथ आबकारी टीम की मिलीभगत से साजिश करने के संकेत हैं। पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने विस्तृत जांच के लिए एसआईटी गठित की है। ऐसे में अवैध शराब के मुकदमे की हकीकत जल्द सामने आ सकती है।
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नहीं मिली कोई जांच रिपोर्ट
जिला आबकारी अधिकारी नीरज कुमार द्विवेदी ने बताया कि अभी कोई जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। यदि आबकारी निरीक्षक की भूमिका संदिग्ध मिली तो सख्त कार्रवाई होगी। लिखित रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई करेंगे।
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