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सूर्य ग्रहण।
– फोटो : amar ujala
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दीपोत्सव की रोशनी में कई दिनों से नहा रहे बाजार में मंगलवार को सूर्य ग्रहण का असर दिखाई दिया। पूरे दिन बाजार खामोश रहे, खरीदारी न के बराबर हुई। लोग घरों से बाहर निकलने से बचे। मंदिरों के कपाट सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद खुले।
शाम को सूर्य ग्रहण के बाद घरों में गंगा जल का छिड़काव किया गया। दिवाली पर घरों में सजे मंदिरों को फिर से महिलाओं ने नया रूप दिया। माता रानी लक्ष्मी, गणेश जी व अन्य देवी-देवताओं को नए वस्त्र धारण कराए गए।
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि सूतक काल में किसी भी मंदिर में मूर्ति पूजा नहीं हुई। बच्चों के खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रखे गए। उन्होंने बताया कि बुधवार को गोवर्धन पूजा होगी।
रात को गुलजार हुईं चौपाटी
सूर्य ग्रहण के बाद मंगलवार की रात को शहरभर में चौपाटियों पर खाने के शौकीनों की भीड़ बढ़ गई। सदर बाजार, सेंट जोंस चौराहा आदि पर जमावड़ा रहा। सूर्य ग्रहण के कारण कई हलवाइयों ने दुकानें नहीं खोलीं। आवास विकास कॉलोनी में भी फूड स्टॉल पर काफी भीड़ रही।
शाम ढलते ही घरों में हुई धुलाई
आचार्य पं. सुभाष चंद्र शास्त्री ने बताया कि सूर्य ग्रहण के बाद कई परिवार हवन करके घर को शुद्ध कराते हैं। इसके साथ ही घर में गंगाजल के छिड़काव का छिड़काव किया जाता है। मंगलवार को अधिकांश घरों में सूर्य ग्रहण के बाद धुलाई हुई। तुलसी के पत्तों के साथ भोजन किया गया। मंदिरों में सभी देवी-देवताओं को नए वस्त्र धारण कराए गए।
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सूर्य ग्रहण काल
. मंगलवार को शाम 4.30 बजे से ग्रहण काल शुरू हुआ।
. मंगलवार को शाम 5.32 बजे ग्रहण का परमग्रास काल रहा।
. मंगलवार को 5.40 बजे सूर्यास्त के साथ सूर्य ग्रहण मोक्ष।
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