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सूर्य ग्रहण के दौरान उड़ते पक्षी
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में सूर्य ग्रहण का प्रभाव पक्षियों के व्यवहार पर भी पड़ा। ग्रहण के दौरान पक्षियों की चहचहाहट बढ़ गई। सामान्य दिनों की अपेक्षा उनके उड़ने की गति भी तेज रही। बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी (बीआरडीएस) के सदस्यों ने सूर्य ग्रहण के असर का पक्षियों पर प्रभाव का अध्ययन किया।
बीआरडीएस के अध्यक्ष और पक्षी विशेषज्ञ डॉ. केपी सिंह ने बताया कि आगरा, मथुरा, भरतपुर, धौलपुर और चंबल के पिनाहट व भिंड जिले में पक्षियों की गतिविधियों को रिकार्ड किया गया। अध्ययन के लिए पक्षी वर्ग की जानकारी रखने वाले सदस्यों को वेटलैंड्स, जंगल और शहर के आवासीय क्षेत्रों के पार्कों को निगरानी के लिए चुना गया। दोपहर 03:00 बजे से 05:30 तक पक्षियों के व्यवहार को रिकार्ड किया गया। इसमें तोता, मैना, कबूतर जैसे सामान्य पक्षियों की गतिविधियों में परिवर्तन देखा गया। शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले पक्षियों की चहचहाहट में सामान्य दिनों के मुकाबले मामूली वृद्धि रिकार्ड की गई।
जंगल के पक्षियों के व्यवहार में अधिक परिवर्तन दिखा
जंगल के क्षेत्र में पक्षियों के व्यवहार में शहरी क्षेत्र के पक्षियों की अपेक्षा अधिक परिवर्तन दर्ज किए गए। पक्षी अपने निर्धारित समय से आधा घंटे पूर्व वापस लौटने लगे। पक्षियों के कुछ समूहों की उड़ते समय कम ऊंचाई रिकार्ड की गई। वहीं, सामान्य दिनों के मुकाबले पक्षियों के उड़ने की गति तेज रिकार्ड की गई और सूर्यास्त से पूर्व पक्षियों के समूह वापसी के समय संख्या में अधिक रिकार्ड किए गए।
डॉ. केपी सिंह ने बताया कि सूर्य ग्रहण आंशिक होने की वजह से जंगल में करीब पांच फीसदी पक्षियों पर असामान्य व्यवहार रिकार्ड किया गया। वेटलैंड्स के पानी के अंदर मौजूद कोर्मोरेंट पक्षियों ने खतरा भांपने के व्यवहार की वजह से अचानक से पानी छोड़कर नजदीकी पेड़ों पर बैठ गए। वेडर व शोर बर्ड की गतिविधियो में मामूली तेजी देखी गई।
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