Wednesday, January 8, 2025
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Surya Grahan 2022 Do Not Do This Work During Solar Eclipse Know Time Of Sutak Kaal In Mathura – Surya Grahan 2022: सूर्य ग्रहण के दौरान भूलकर भी न करें ये काम, मथुरा में जानें सूतक काल का समय

by amitsagar
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सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण
– फोटो : istock

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मथुरा में सूर्य ग्रहण के दौरान सभी मंदिरों के पट बंद रहेंगे। वर्ष का दूसरा सूर्यग्रहण 25 अक्तूबर को लगेगा। कार्तिक मास की अमावस्या भी इसी दिन है। खंडग्रास सूर्यग्रहण लगने से दिवाली के बाद होने वाली गोवर्धन पूजा 26 अक्तूबर को होगी। जानकारों के अनुसार, पकाकर रखा भोजन सूर्य ग्रहण के बाद न खाएं। ऐसा करना अशुभ माना गया है।
 
ज्योतिषाचार्य कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि यह सूर्य ग्रहण लगभग पूरे देश में दिखाई देगा। दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण के कारण इसका सूतक काल बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। मथुरा में ग्रहण के स्पर्श का समय सायं 04:37 बजे और मोक्ष का समय 06:29 बजे का है। ग्रहण के दस से बारह घंटे पहले यानि सामान्य सूतक वेध प्रात: 6:00 से लग जाएंगे। चार घंटे पहले पूर्ण सूतक लगेंगे। 

ज्योतिष विशेषज्ञ आलोक गुप्ता और अजय कुमार तैलंग बताते हैं कि सूर्य ग्रहण पर सूतक लगने के बाद कुछ भी खाना, पीना, पढ़ना, पढ़ाना, सोना आदि वर्जित है। घर के मंदिर का पट न खोलें। पका भोजन रखा हो तो उसे ग्रहण के बाद न खाएं। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को ध्यान रखना होता है। उन्हें न तो सोना चाहिए न ही किसी वस्तु को काटना या सिलना चाहिए। यह ग्रहण -वृष, सिंह, धनु, मकर के लिए शुभ है। कुंभ, मिथुन, मेष, कन्या के लिए मध्यम है। मीन, कर्क, तुला, वृश्चिक के अशुभ है। अशुभ राशि के लोगों को ग्रहण को नहीं देखना चाहिए।

ये भी पढ़ें – दिवाली की सुबह बड़ा हादसा: कासगंज में गैस सिलेंडर फटा, दो मंजिला मकान गिरा, युवक की मौत, तीन की हालत गंभीर

27 साल बाद दिवाली पर सूर्य ग्रहण 

कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाती है। इस साल अमावस्या तिथि पर साल का दूसरा व आखिरी सूर्यग्रहण लग रहा है। हालांकि यह सूर्यग्रहण अमावस्या तिथि के समाप्त होने पर लग रहा है। दिवाली पर सूर्यग्रहण का ऐसा संयोग करीब 27 साल पहले 1995 में बना था। सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के साथ चंद्रमा, शुक्र और केतु रहेंगे। इन ग्रहों पर राहु की सीधी नजर रहेगी।

सूर्यग्रहण पर जन्मस्थान के पट रहेंगे बंद

अमावस्या 25 अक्तूबर को सूर्यग्रहण के कारण श्रीकृष्ण-जन्मभूमि के मंदिरों के पट बंद रहेंगे। सूर्यग्रहण मोक्ष के उपरांत सायं मंदिरों के शुद्धिकरण, पोशाक परिवर्तन के बाद सायं 7:30 बजे सभी मंदिरों के श्रीविग्रह की आरती, दर्शन, सेवा पूजा आदि होगी।

विस्तार

मथुरा में सूर्य ग्रहण के दौरान सभी मंदिरों के पट बंद रहेंगे। वर्ष का दूसरा सूर्यग्रहण 25 अक्तूबर को लगेगा। कार्तिक मास की अमावस्या भी इसी दिन है। खंडग्रास सूर्यग्रहण लगने से दिवाली के बाद होने वाली गोवर्धन पूजा 26 अक्तूबर को होगी। जानकारों के अनुसार, पकाकर रखा भोजन सूर्य ग्रहण के बाद न खाएं। ऐसा करना अशुभ माना गया है।

 

ज्योतिषाचार्य कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि यह सूर्य ग्रहण लगभग पूरे देश में दिखाई देगा। दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण के कारण इसका सूतक काल बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। मथुरा में ग्रहण के स्पर्श का समय सायं 04:37 बजे और मोक्ष का समय 06:29 बजे का है। ग्रहण के दस से बारह घंटे पहले यानि सामान्य सूतक वेध प्रात: 6:00 से लग जाएंगे। चार घंटे पहले पूर्ण सूतक लगेंगे। 

ज्योतिष विशेषज्ञ आलोक गुप्ता और अजय कुमार तैलंग बताते हैं कि सूर्य ग्रहण पर सूतक लगने के बाद कुछ भी खाना, पीना, पढ़ना, पढ़ाना, सोना आदि वर्जित है। घर के मंदिर का पट न खोलें। पका भोजन रखा हो तो उसे ग्रहण के बाद न खाएं। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को ध्यान रखना होता है। उन्हें न तो सोना चाहिए न ही किसी वस्तु को काटना या सिलना चाहिए। यह ग्रहण -वृष, सिंह, धनु, मकर के लिए शुभ है। कुंभ, मिथुन, मेष, कन्या के लिए मध्यम है। मीन, कर्क, तुला, वृश्चिक के अशुभ है। अशुभ राशि के लोगों को ग्रहण को नहीं देखना चाहिए।

ये भी पढ़ें – दिवाली की सुबह बड़ा हादसा: कासगंज में गैस सिलेंडर फटा, दो मंजिला मकान गिरा, युवक की मौत, तीन की हालत गंभीर

27 साल बाद दिवाली पर सूर्य ग्रहण 

कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाती है। इस साल अमावस्या तिथि पर साल का दूसरा व आखिरी सूर्यग्रहण लग रहा है। हालांकि यह सूर्यग्रहण अमावस्या तिथि के समाप्त होने पर लग रहा है। दिवाली पर सूर्यग्रहण का ऐसा संयोग करीब 27 साल पहले 1995 में बना था। सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के साथ चंद्रमा, शुक्र और केतु रहेंगे। इन ग्रहों पर राहु की सीधी नजर रहेगी।

सूर्यग्रहण पर जन्मस्थान के पट रहेंगे बंद

अमावस्या 25 अक्तूबर को सूर्यग्रहण के कारण श्रीकृष्ण-जन्मभूमि के मंदिरों के पट बंद रहेंगे। सूर्यग्रहण मोक्ष के उपरांत सायं मंदिरों के शुद्धिकरण, पोशाक परिवर्तन के बाद सायं 7:30 बजे सभी मंदिरों के श्रीविग्रह की आरती, दर्शन, सेवा पूजा आदि होगी।



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