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इस दौरान सर्वे टीम ने करीब 20 मिनट बच्चों से बात की। उनसे राष्ट्रगान जन गण मन… सुनाने को कहा तो कोई सुना नहीं पाया। जिला अल्पंसख्यक कल्याण अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि 2013 से अवैध मदरसा संचालित हो रहा था। पंजीकरण व मान्यता नहीं है। प्रबंधन ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने बताया कि शहर में करीब 15 से अधिक अवैध मदरसे चिह्नित किए हैं। जिनका सर्वे 5 अक्टूबर तक करना है।
120 मदरसे हैं पंजीकृत
नगर निगम सीमा में 109 व जिले के 15 ब्लॉक में 11 सहित कुल 120 मदरसे पंजीकृत हैं। ये मदरसे सर्वे में शामिल नहीं हैं। सिर्फ गैर मान्यता प्राप्त व अपंजीकृत मदरसों का सर्वे किया जा रहा है।
शासन ने सर्वे के लिए 13 बिंदुओं पर प्रारूप भेजा है। जिसमें मदरसों की बिल्डिंग से लेकर छात्र व शिक्षक संख्या, संचालित संस्था व वित्तीय व्यवस्था पर रिपोर्ट तैयार कर नोडल अधिकारी एडीएम प्रशासन को सौंपनी है।
इन बिंदुओं पर हो रहा सर्वे
1 – मदरसा संचालित करने वाली संस्था का नाम।
2 – मदरसे निजी भवन या किराये की बिल्डिंग में ।
3 – छात्र व शिक्षकों की संख्या, लागू पाठ्यक्रम ।
4 – मदरसे की आय का स्त्रोत, बैंक खाता विवरण।
5 – क्या मदरसों के छात्र अन्य विद्यालय में नामांकन है।
6 – क्या गैर सरकारी समूह व संस्था से संबंद्धता है।
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