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– फोटो : फाइल फोटो
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उत्तर प्रदेश के आगरा में युवती से छेड़खानी का केस दर्ज करने के बाद भी पुलिस लचर रवैया अपनाए रही। इस दरम्यान आरोपी के घरवालों ने युवती के घरवालों को धमकाया। युवती को पूरे गांव में बदनाम कर दिया। पुलिसिया कार्रवाई से आहत पीड़िता ने जान दे दी। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने दूसरा मुकदमा दर्ज करके रात में ही मुख्य आरोपी सहित पांच को गिरफ्तार किया। मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में विवेचक वीरेंद्र कुमार को लाइन हाजिर किया गया है।
मामला जगनेर थाना क्षेत्र के एक गांव का है। यहां युवती से घर में घुसकर छेड़छाड़ हुई। बीती 26 फरवरी को मुकदमा लिखा गया। 13 दिन तक आरोपी नहीं पकड़ा गया। पीड़िता के कोर्ट में बयान दर्ज कराए गए, लेकिन आरोपी युवक को थाने बुलाकर पूछताछ करने की जहमत पुलिस ने नहीं उठाई।
युवती के खुदकुशी मामले ने तूल पकड़ा तो सोमवार को डीसीपी पश्चिम सोनम कुमार ने विवेचक दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया। एक तरफ निर्दोष युवती की जान चली गई। दूसरी तरफ दरोगा को महज थाने से हटाकर पुलिस ने अपनी पीठ ठोंक ली।
क्या कर रहे थे बीपीओ?
पुलिस आयुक्त ने बीट पुलिस ऑफिसर सिस्टम लागू किया है। थानों में बैठकें कराई गई थीं। तय हुआ था कि बीपीओ अपने इलाके में सक्रिय रहेंगे। हर घटनाक्रम की जानकारी अधिकारियों को देंगे। बीपीओ ने इस मामले में क्या किया। थाना प्रभारी की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है। सवाल यह भी है कि छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज होने पर एसीपी ने क्या दिशा-निर्देश दिए, जबकि पीड़ित पिता एएसपी से भी मिला था।
लापरवाही पर दरोगा, सिपाही लाइन हाजिर
डीसीपी पश्चिम सोनम कुमार ने एक अन्य मामले में मलपुरा थाने में तैनात एसआई सुनील कुमार दीक्षित और बरहन थाने में तैनात मुख्य आरक्षी हाकिम सिंह को लाइन हाजिर किया है। डीसीपी ने बताया कि दोनों के खिलाफ उनके थाना प्रभारियों ने रिपोर्ट दी थी। दोनों पर कार्य में लापरवाही का आरोप है।
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