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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के नाम से बनी जाली अंकतालिका में एसटीएफ ने मथुरा बीएसए से रिपोर्ट तलब की है। यहां सत्यापन को आईं इंजीनियरिंग, बीए, बीएससी और बीकॉम की अंकतालिकाएं जाली मिली थीं। इनकी फोटोकॉपी पर खंड शिक्षा अधिकारी मथुरा (मांट) के हस्ताक्षर भी अंकित थे।
आगरा विश्वविद्यालय के सत्यापन को आईं अंकतालिका में से 18 जाली मिली थीं। इनका कोई रिकॉर्ड विश्वविद्यालय में नहीं था। इनकी फोटोकॉपी पर खंड शिक्षा अधिकारी मांट की ओर से सत्यापित थी। इनमें बीए, बीकॉम, बीएससी, बीटेक, बीबीए, बीसीए समेत अन्य पाठ्यक्रम की अंकतालिकाएं शामिल थीं। जाली अंकतालिका मिलने पर एसटीएफ ने इसके रिकार्ड जब्त किए थे।
इनकी शुरूआती जांच में एसटीएफ को अंदेशा है कि जाली अंकतालिका का उपयोग बेसिक शिक्षा विभाग की नौकरी के लिए किया है। इस पर एसटीएफ ने बीएसए मथुरा को इन अंकतालिका की फोटोकॉपी भेजकर रिपोर्ट मांगी है। इसमें अंकतालिका पर दर्ज व्यक्ति स्कूल में अध्यापक तो नहीं, किनके जरिये ये कापियां अटेस्टेड कराई हैं। ये कहां के रहने वाले हैं, इनके शैक्षणिक रिकॉर्ड विभाग के पास हैं या नहीं। इन सभी की रिपोर्ट आने के बाद एसटीएफ कार्रवाई करेगी।
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विश्वविद्यालय के आवासीय संस्थानों के नाम से बनी थी अंकतालिका
विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिग एंड टेक्नोलॉजी, सेठ पदमचंद संस्थान, दाऊदयाल संस्थान समेत अन्य आवासीय संस्थानों के नाम से ये जाली अंकतालिकाएं बनवाईं। इसमें इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और स्नातक की अंकतालिकाएं बनवाई थीं। इनमें मनमाने अंक दर्ज कर 89 फीसदी तक मेरिट बनवाई थी। इनमें कई ने नामी गिरामी कंपनियों में 10-15 लाख रुपये के पैकेज पर नौकरी भी कर रहे थे।
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