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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड सर्जरी), बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी) के बाद बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) में फर्जीवाड़े की भी जांच शुरू हो गई है। तब प्रभारी कुलपति रहे प्रो. विनय पाठक के बीएचएमएस पुनर्मूल्यांकन खेल की एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी है। इसमें 14 मेडिकल कॉलेजों के 1500 छात्र जांच की जद में आ गए हैं। प्रो. पाठक ने विश्वविद्यालय के नियम विरुद्ध पुनर्मूल्यांकन कराया था।
बीएचएमएस के छात्रों का बीते अप्रैल में मूल्यांकन हुआ था, जिसमें 80 फीसदी से अधिक छात्र फेल हो गए थे। इसके बाद जुलाई में इनका प्रो. पाठक ने नियम के विरुद्ध पुनर्मूल्यांकन कराया और इसमें सभी छात्र पास हो गए, जबकि विश्वविद्यालय में चुनौती मूल्यांकन का ही प्रावधान है। इसमें संबंधित छात्र शुल्क जमा कर अपने प्राप्तांकों को चुनौती दे सकता है। इसके बाद संबंधित छात्र की कापी का दोबारा मूल्यांकन कराया जाता है।
लगाए गए थे ये आरोप
मामले में निजी कॉलेजों से लेनदेन कर नियम विरुद्ध पुनर्मूल्यांकन की शिकायत भी हुई। इसे सही साबित करने के लिए 19 नवंबर को परीक्षा समिति में इस मामले को रखा गया, जहां सदस्यों ने हंगामा किया और अनुमोदन नहीं किया। इसमें सदस्यों ने ये भी आरोप लगाए कि प्रति कुलपति और परीक्षा नियंत्रक के हस्ताक्षर के नीचे तिथि ही बदल दी गई थी।
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एसटीएफ ने शुरू की जांच
मामले की एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी है और इसका विवरण जुटाया है। जल्द ही एसटीएफ इनकी कॉपियां भी जब्त कर जांच करवाएगी। कुलपति प्रो. आशु रानी का कहना है कि परीक्षा समिति में इस मामले पर चर्चा हुई थी, जिसके बाद इसका अनुमोदन नहीं हुआ है। जांच में एसटीएफ का सहयोग किया जाएगा।
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