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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति रहे प्रो. विनय पाठक के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामले खुल रहे हैं। इसकी जांच एसटीएफ कर रही है। प्रो. विनय पाठक के नजदीकी, योजना और विभिन्न कार्य देख रहे शिक्षक और कर्मचारी भी एसटीएफ के रडार पर हैं। इनकी संख्या अभी 10 बताई है। पूछताछ हो रही है, इनमें कुछ सरकारी गवाह भी बन सकते हैं।
एसटीएफ ने प्रो. पाठक के खासमखास और योजनाओं का प्रभार देख रहे शिक्षकों-कर्मचारियों की सूची तैयार की है। इसमें गोपनीय, संबद्धता, परीक्षा, वित्त और विभिन्न सरकारी योजनाओं का कार्य देखने वाले लोग हैं। कुलपति ने इन्हें परीक्षा संबंधी कार्य में केंद्र निर्धारण, कोर्स स्थायी करने, कॉलेजों को संबद्धता देने, रूसा समेत अन्य योजनाओं में आए बजट और बिल भुगतान जैसे मामले दिए थे।
इनमें कमीशनखोरी, कार्य कराने के लिए उगाही समेत अन्य आरोप हैं। इसमें एसटीएफ ने इनको कब जिम्मेदारी दी, क्या कार्य कराए। किनकी संलिप्तता है। सभी जानकारियां जुटाई जा रही हैं। तीन दिन में एसटीएफ ने इनसे चरणबद्ध पूछताछ भी की है। सूत्र बताते हैं कि इनमें से कुछ सरकारी गवाह भी बन सकते हैं।
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